जौनपुर: वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए और खेतों की उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए एनजीटी व केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है. खेतों में फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए अब किसानों पर सीधे तौर पर ढाई हजार से लेकर 15 हजार रुपयों तक का जुर्माना लगाया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद किसान फसल अवशेष को जला रहे हैं. बता दें कि खेतों में किसान गेहूं और धान की कटाई के बाद बड़ी संख्या में पराली जलाते हैं, जिसके कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है.
जौनपुर: रोक के बावजूद खेतों में पराली जला रहे किसान - खेतों में पराली जला रहे किसान
जिले में खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर रोक है, क्योंकि इससे प्रदूषण काफी हद तक बढ़ जाता है. इसके बावजूद किसान खेतों में फसलों के अवशेष को जला रहे है. दरअसल इसको लेकर सरकार ने जुर्माने का प्रावधान भी बना रखा है.
जानें पूरा मामला
पंजाब और हरियाणा में बड़ी मात्रा में खेतों में फसल अवशेष जलाने के कारण दिल्ली की सेहत पर सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव देखने को मिला था. वहीं उत्तर प्रदेश में भी बड़ी संख्या में किसान अब खेतों में फसल अवशेष जलाने लगे हैं, जिसके कारण खेतों की उर्वरा शक्ति प्रभावित होने के साथ ही वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है.
फसल अवशेष जलाने पर लगेगा जुर्माना
सरकार ने फसल अवशेष जलाने वालों से निपटने के लिए सख्त नियम बनाए हैं. अब अगर किसान खेतों में फसल अवशेष जलाते हुए पकड़े जाएंगे, तो उन पर ढाई हजार से लेकर 15 हजार रुपयों तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा अगर किसान दोबारा पकड़ा गया तो उसको सरकार से मिलने वाली किसानों से जुड़ी सभी सुविधाएं रोक दी जाएंगी.