बलरामपुर:जिले के उतरौला तहसील परिसर में किसानों ने भारतीय किसान मंच की अगुवाई में विशाल धरना प्रदर्शन किया.इस दौरान किसान नेताओं के साथ साथ इलाके के सैकड़ों किसानभी अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ रोष में दिखे.नेताओं ने मंच से किसानों और जनता से यह आह्वान किया कि जब तक किसानों के हितों को सरकार समझना नहीं शुरू करेंगे,तब तक ऐसे ही आंदोलनरत रहेंगे. इस दौरान सरकार की नीतियों के विरोध में खूब नारेबाजी की गई और उसे कुंभकरणी नींद से जगाने का प्रयास किया गया. मतलब बिल्कुल साफहै..
बलरामपुर: किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर भरी हुंकार
किसान को अन्नदाता का तमगा हासिल है इसके बावजूद तंगी का शिकार रहता है. अजीब विडंबना है कि किसानों के मसले को सुलझाने के बजाय इन पर मुआवजे का मरहम लगाया जाता है.
मेरी बदहाली को हर अखबार कहता है, वो मुझे भारत का किसान कहता है
सरकार की नीतियों के विरोधऔर किसानों के हित में आवाज उठाने के लिए यह प्रदर्शन आयोजित किया की गया था. इस सभा में सबसे पहले पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उसके बाद किसानों के हितों की बात शुरू हुई. किसानों की बात करते हुए तमाम नेताओं ने अपने अपने तर्क दिए और सरकारों के ढुलमुल रवैया को उजागर किया. मंच से यह कहा गया कि किसानों कि आय को अगर वास्तव में दोगुना करना है,तब सरकार को सबसे पहले सिंचाई, खाद और बिजली जैसी सुविधाओं को विकसित करना होगा.
किसान नेता चंद्र प्रकाश पांडे ने कहा कि सरकार की नीतियां किसान को विकास देने वाली नहीं बल्कि विकास विरोधी हैं. सरकार दावे तो खूब करती है लेकिन जमीन पर उनके दावे उतरते नहीं दिखते.