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अखिलेश की मिर्जापुर रैली में खाली रही कुर्सियां

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और लोकदल के जयंत चौधरी मिर्जापुर के जीआइसी मैदान में पार्टी प्रत्‍याशी के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. अखिलेश जब सभा को संबोधित करने पहुंचे तो पार्टी कार्यकर्ताओं ,पदाधिकारियों और जनता का उत्‍साह नजर नहीं आया और कुर्सियां खाला नजर आईं.

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Published : May 12, 2019, 8:12 PM IST

अखिलेश यादव ने सपा के उम्मीदवार रामचरित्र निषाद के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया

मिर्जापुर: जिले में गठबंधन की रैली प्लाफ साबित हुई. अखिलेश की जनसभा में कुर्सियों के अनुरूप भीड़ नहीं पहुंची. सपा-बसपा के कार्यकर्ता निराश दिखे. मायावती की रैली में न आने से बसपा के लोग कम संख्या में पहुंचे. सपा प्रत्याशी और नेताओं द्वारा रैली में की गई व्यवस्था को भी कार्यकर्ता कोसते नजर आए.

अखिलेश की मिर्जापुर रैली में खाली नजर आईं कुर्सियां
मिर्जापुर के जीआईसी मैदान में गठबंधन के प्रत्याशी और सपा के उम्मीदवार रामचरित्र निषाद के समर्थन में चुनावी जनसभा को अखिलेश यादव और जयंत चौधरी संबोधित करने पहुंचे. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब सभा को संबोधित कर रहे थे उस समय कुर्सियां खाली नजर आई.

खाली कुर्सियों का कारण-

  • सपा-बसपा आरएलडी की पहली जनसभा में नहीं जुटी उम्मीद के अनुसार भीड़ खाली दिखी कुर्सियां.
  • 50 हजार की क्षमता वाले ग्राउंड में मात्र 10 हजार के करीब जुटा पाए भीड़.
  • भीड़ न जुटने कारण भीषण गर्मी कही जा रही है.
  • सपा के उम्मीदवार रामचरित्र निषाद के समर्थन में चुनावी जनसभा करने पहुंचे थे.
  • अखिलेश यादव और उनके साथ जयंत चौधरी थे मौजूद.
  • साथ ही जनपद के तीनों पार्टियों के सपा-बसपा और आरएलडी के नेता को मंच पर रहने के बाद भी नहीं पहुंची भीड़.
  • बहुजन समाज पार्टी के मुखिया मायावती के न आने के साथ ही समाजवादी पार्टी में गुटबाजी की वजह से नहीं पहुंची भीड़.
  • समाजवादी पार्टी के पूर्व में घोषित प्रत्याशी राजेंद्र एस बिंद भी मंच पर नहीं पहुंचे.
  • नामांकन के दिन ही राजेंद्र एस बिंद का टिकट काटकर रामचरित्र निषाद को प्रत्याशी बनाया गया था.
  • राजेंद्र एस बिंद के समर्थक नाराज चल रहे हैं.
  • समाजवादी पार्टी में गुटबाजी की वजह से ही टिकट काटा गया था.
  • तीन-तीन पार्टियों के गठबंधन होने के बावजूद भी भीड़ नहीं पहुंच पाई.
  • सपा प्रत्याशी रामचरित्र निषाद से कार्यकर्ताओं का लगाव नहीं दिख रहा है.

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