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आगरा: SN मेडिकल कॉलेज में बनाया गया इमरजेंसी एक्सटेंशन वॉर्ड, इनको मिलेगी राहत - sn medical college agra

ताजनगरी आगरा में अब इमरजेंसी सेवाओं और कोरोना संदिग्धों को इलाज के लिए कोविड अस्पताल नहीं ले जाना पड़ेगा. अब संदिग्ध लोगों की जांच के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला ने 20 बेड का इमरजेंसी एक्सटेंशन अस्पताल शुरू किया है.

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कोरोना संदिग्धों के लिए बनाया गया इमरजेंसी एक्सटेंशन वॉर्ड.

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Published : Jun 14, 2020, 12:53 PM IST

आगरा: ताजनगरी में अब इमरजेंसी सेवाओं के लिए कोविड रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके अलावा अब कोरोना संदिग्धों को भी इलाज के लिए कोविड अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. अनलॉक-1 में मरीजों की संख्या बढ़ने के चलते एसएन मेडिकल के प्राचार्य संजय काला ने 20 बेड का इमरजेंसी एक्सटेंशन अस्पताल शुरू किया है. सोमवार से इस अस्पताल में रेड पेशेंट (जिनमें कोविड के लक्षण नजर आएं) का इलाज किया जाएगा. इसके साथ ही एसएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी और गायनिक वॉर्ड में ट्रूनेट मशीन लगाई जा रही है, ताकि आने वाले आकस्मिक मरीजों की तत्काल कोविड जांच की जा सके.

कोरोना संदिग्धों के लिए बनाया गया इमरजेंसी एक्सटेंशन वॉर्ड.

आगरा में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले

प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमितों की संख्या के मामले में आगरा शहर पहले स्थान पर है. लिहाजा स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला के अनुसार लॉकडाउन में छूट मिलने से मरीजों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है. वर्तमान में 100 बेड का एमसीएच और 100 बेड के अन्य कोविड अस्पताल हैं. पर इमरजेंसी के लिए व्यवस्थाएं कम थीं, इसलिए एसएन मेडिकल कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग में 20 बेड का इमरजेंसी एक्सटेंशन वॉर्ड बनाया है, ताकि यहां कोरोना वायरस के लक्षण प्रतीत होने वाले रेड पेशेंट का तत्काल इलाज हो सके.

एसएन मेडिकल कॉलेज

प्राचार्य ने बताया कि यह वॉर्ड कोविड अस्पताल की तरह ही बनाया गया है. यहां चार वेंटिलेटर, बाइपैप मशीन और ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था है. इसे होल्डिंग एरिया-2 नाम दिया गया है. यहां जब तक मरीज की कोविड रिपोर्ट नहीं आ जाएगी, तब तक उसका इलाज किया जाएगा. इस सुविधा से मरीज को इलाज के लिए कोविड रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसके साथ ही शासन से दो ट्रूनेट मशीन मिली हैं, जिन्हें गायनिक और इमरजेंसी वॉर्ड में लगाया जा रहा है, ताकि मरीज की कोविड-19 जांच जल्दी हो सके और उसे उचित समय पर सही इलाज मिल सके.

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