मुजफ्फरनगरः जनपद के फलौंदा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में शुक्रवार को एक महिला मरीज को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर भर्ती कराया गया था. डाॅक्टर ने इलाज शुरू कर महिला को ग्लूकोज की ड्रिप लगा दी. आरोप है कि उसके बाद सीएचसी का पूरा स्टाफ इस महिला मरीज को भूल गया और ताला लगाकर चला गया. घंटों बाद किसी तरह मौके पर पहुंची पुलिस ने ताला खुलवाकर महिला को बाहर निकलवाया और उसे दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर इलाज कराया. इस दौरान महिला के साथ उसकी तीन साल की बच्ची भी अस्पताल के अंदर थी. वहीं बच्ची को जब प्यास लगी तो महिला ने कमरे के अंदर बने टायलेट की टंकी से ही उसे पानी पिलाया.
अमानवीय कृत्य
मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित फलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गांव भैंसानी निवासी सुनीता पत्नी जयकुमार को उल्टी दस्त की बीमारी के चलते भर्ती कराया गया था. आरोप है कि सीएचसी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मोहित और स्टाफ ने महिला का ड्रिप लगाकर प्राथमिक उपचार तो शुरू कर दिया, लेकिन उसके बाद वे उसे भूल गए. हद तो तब हो गई जब अस्पताल का पूरा स्टाफ यहां भर्ती महिला और उसकी तीन साल की बच्ची को भूल कर जिस कमरे में वह भर्ती थी उसका ताला लगाकर चले गए. महिला को भी ताला लगाकर चले जाने का पता उस वक्त चला जब उसकी ग्लूकोज की बोतल खत्म हो गई और उसने स्टाफ को आवाज लगाई. आवाज लगाने पर जब कोई नहीं आया तो महिला को ताला बंद होने का पता चला.