जालौन:जिले के डीएम डॉ. मन्नान अख्तर और पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने जिला जेल उरई कारागार का गुरुवार को औचक निरीक्षण किया. डीएम ने जेल के अंदर कोविड-19 के संक्रमण से संबंधित एक समीक्षा बैठक की. इस दौरान जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से कोई बंदी संक्रमित न हो, इसके लिए जेल में विशेष प्रबंध किए गए हैं.
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि 500 से अधिक बंदी जमानत पर पर रिहा किए गए हैं. जेल में अभी भी लगभग 700 बंदी बंद हैं. आने वाले नए बंदियों को अलग बैरक में रखने की व्यवस्था की गई है.
जेल क्वारंटाइन सेंटर के वार्डों का निरीक्षण
उरई जिला कारागार में निरीक्षण करने पहुंचे डीएम और एसपी कारागार के गेट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था को देखकर संतुष्ट दिखे. इसके बाद कोविड-19 को लेकर बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड सेंटर का भी निरीक्षण किया. उन्होंने जेल में आने वाले कैदियों को 14 दिन तक रखे जाने वाले क्वारंटाइन सेंटर के सभी वार्डों का निरीक्षण भी किया.
डीएम ने दिए निर्देश
जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया कि कोरोना के कारण जेल का निरीक्षण नहीं हो पा रहा है. इस दौरान इसकी समीक्षा भी की जानी थी. गुरुवार को इसकी समीक्षा की गई है. साथ ही जेल को लेकर जो नियम आए थे, उसकी भी जानकारी दी गई है. नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
डीएम ने जानकारी देते हुए बताया कि जेल में आने वाले सामानों को सही तरीके से सैनिटाइज किया जाए. साथ ही जो भी नए कैदी जेल में आ रहे हैं, उनको 14 दिन तक क्वारंटाइन में रखा जाय. जेल के अंदर आने वाले सामान को सैनिटाइज करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि जेल मैनुअल में कैदियों को अंग्रेजों के जमाने से ही अलग रखा जाता रहा है. नए बंदी को हमेशा ही अलग बैरक में रखने का प्रावधान है. ऐसा इसलिए किया जाता है कि उसे कोई बीमारी है तो कोई बंदी उससे संक्रमित न हो, परंतु कई बार इसका पालन नहीं किया जाता था, लेकिन कोरोना वायरस के दौर में अब जेल में यह व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू कर दी गई है. जेल में आने वाले नए बंदी को थर्मल जांच के बाद उन्हें 14 दिन तक अलग बैरक में रखकर क्वारंटाइन किया जाता है.