उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / briefs

DLW हुआ BLW, मुख्य द्वार पर लिखा गया 'बरेका'

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित डीजल रेल इंजन कारखाना DLW का नाम बदल BLW यानी बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कर दिया गया है. अब इसके मुख्य द्वार समेत सभी प्रवेश द्वारों पर बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) लिख दिया गया है.

etv bharat
पहले नाम था डीजल लोकोमोटिव वर्क्स.

By

Published : Nov 17, 2020, 9:11 AM IST

वाराणसी : पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्रसिद्ध डीजल रेल इंजन कारखाना DLW का नाम बदल BLW यानी बनारस लोकोमोटिव वर्क्स कर दिया गया है. अब इसके मुख्य द्वार समेत सभी प्रवेश द्वारों पर बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) लिख दिया गया है.

बता दें, केंद्र सरकार द्वारा 29 अक्टूबर को डीरेका का नाम बदलकर बनारस रेल इंजन कारखाना करने का आदेश पत्र जारी किया गया था. इस आदेश पत्र के जारी होने के बाद डीरेका परिसर में नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई थी. इसी के तहत डीरेका के मुख्य द्वार पर बनारस रेल इंजन कारखाना लिखा गया.

पहले नाम था डीजल लोकोमोटिव वर्क्स.
परिसर में सभी जगह लिखा गया 'बरेका'

डीरेका के नामकरण बनारस रखने का पत्र जारी होते ही तेजी से नाम बदलने का कार्य शुरू हो गया था. अब परिसर में सभी जगहों पर 'बरेका' लिख दिया गया है. मुख्य द्वार और एफसीआई गोदाम के रास्ते वाला द्वार सहित कारखाना के अन्य भवनों में साइनिंग बोर्ड लगा दिया गया है. कागजों में भी बनारस नाम हो गया है. बता दें कि नामकरण होने के साथ ही साथ मुख्य प्रशासनिक भवन का भी नाम तत्काल बदल लिया गया था.

तीन नामों का भेजा गया था प्रस्ताव

डीजल इंजन का उत्पादन कम होने के बाद से ही नामकरण को लेकर लगभग साल भर से यह कवायद चल रही थी. तीन नामों का प्रस्ताव साल भर पहले भेजा गया था. इसमें दीनदयाल लोको वर्क्स, बनारस लोकोमोटिव और काशी लोकोमोटिव था. डीरेका में अब इलेक्ट्रिक इंजन का उत्पादन अधिक है, इसलिए नाम बदलकर बनारस किए जाने को लेकर डीरेका कर्मी भी उत्साहित हैं.

प्रथम राष्ट्रपति ने रखी थी नींव

डीजल इंजन कारखाना की नींव देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 23 अप्रैल 1956 में रखी थी. इसके लगभग 5 साल बाद अगस्त 1961 में डीजल लोकोमोटिव वर्क्स के प्रभाव में आया. जनवरी 1964 में प्रथम रेल इंजन राष्ट्र को यहीं से समर्पित हुआ था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details