हमीरपुर: कई दशकों से सूखे की मार झेलने के बाद किसानों ने भारी मशक्कत से अपनी फसल तैयार कर ली तो उनकी फसलों को अन्ना जानवर चट करने लगे. सूबे की सरकार और जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का फरमान जारी किया था. जिसके बाद जानवरों को तो अंदर कर दिया गया. लेकिन उनके भरण पोषण के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की है.
गौशाला बनवाने के बाद भूला जिला प्रशासन, गायों के खाने का नहीं किया प्रबंध - जिला प्रशासन
हमीरपुर में अन्ना जानवरों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का फरमान सूबे की सरकार और जिला प्रशासन ने जारी किया था. सरकार के फरमान पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने अन्ना जानवरों को तो अंदर कर दिया. लेकिन उनके भरण पोषण के लिए अभी तक आर्थिक सहायता की व्यवस्था नहीं की है.
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जानवरों के प्रति बरती जा रही लापरवाही के चलतेकिसानों ने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर विरोध जाहिर किया.ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन द्वारा उन पर दबाव बनाकर अस्थाई गौशालाओं में अन्ना गायों को तो बंद करा दिया गया था. लेकिन अब इनगायों के खानपान का प्रबंध किसानों से नहीं हो पा रहा है.
ग्राम प्रधान आनंद अशोक सचान ने कहा कि जिला प्रशासन ने अन्ना गायों को अस्थाई गौशालाओं में बंद करवाने के बाद ये आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली है. गांव के लोग अन्ना गायों के चारे पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. लेकिन किसानों की लचर आर्थिक स्थिति के कारण अन्ना गायों के सामने चारे पानी का संकट खड़ा हो गया है.