मिर्जापुर : विंध्याचल धाम में नवरात्रि के चौथे दिन भी आधी रात से ही भक्तों का ताता लगा हुआ है. मां की मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां के दर्शन-पूजन कर रहे हैं. विश्व प्रसिद्ध जगत जननी मां विंध्यवासिनी के धाम में नवरात्रि के चौथे दिन देवी स्वरूप मां कुष्मांडा की विधिवत पूजा की गई. सुबह भोर में मां की मंगला आरती के बाद माता के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो उठे.
नवरात्रि के चौथे दिन देवी के स्वरूप कुष्मांडा की उपासना की जाती है. मां कुष्मांडा की उपासना से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि नहीं थी चारों ओर अंधकार ही अंधकार व्याप्त था. तब इन्हीं देवी ने अपने हाथ से ब्रह्मांड की रचना की थी. इनकी आठ भुजाएं हैं. इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, पुष्प, अमृतपूर्ण, कलश चक्र और गदा है.