सहारनपुर: रमजान के पवित्र महीने में घरों व मस्जिदों में होने वाली विशेष तरावीह की नमाज के दौरान अधिकांश लोग लाइट बंद कर अंधेरा कर देते है, ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि अंधेरा होने से कुरआन-ए-करीम को ध्यान से सुना जाता है.
अंधेरे में तरावीह की नमाज पढ़ना गलत, रोशनी करके ही अदा करें नमाज - deaband issue fatwa for taraweeh namaz
विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम से जारी हुए फतवे के अनुसार रमजान के पाक माह में तरावीह की नमाज अंधेरे में नहीं पढ़नी चाहिए. लाइट बंद करके नमाज पढ़ने को गलत करार दिया गया है.
दारुल उलूम का फतवा
क्या कहते हैं मुफ्ती
- इस मसले पर मुफ्ती मोहम्मद शाकिर कासमी का कहना है कि लाइट बंद करके तरावीह की नमाज अदा करना जायज नहीं है.
- जिस प्रकार अन्य नमाजें लाइट जलाकर अदा की जाती हैं, उसी प्रकार तरावीह की नमाज भी लाइट जलाकर अदा की जाए.
- उन्होंने सभी लोगों से इस तरह के अमल को दरकिनार कर गलत रस्मों से बचने की अपील की.