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बिना वेतन के 700 बागी बॉर्डर पर मरने को तैयार: मलखान सिंह - up news

डाकू मलखान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में 700 बागी बचे हैं.अगर सरकार चाहे तो बिना शर्त, बिना वेतन हम बॉर्डर पर देश के लिए मर मिटने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, 15 साल बीहड़ों में कथा नहीं बांची है. मां भवानी की कृपा रही, तो मलखान सिंह का कुछ नहीं बिगड़ेगा.

मलखान सिंह

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Published : Feb 20, 2019, 2:56 PM IST

कानपुर:बीहड़ में आतंक का पर्याय बन चुके मलखान सिंह भले ही अपनी बंदूक छोड़ चुके हैं, लेकिन पुलवामा घटना से उनका खून खौल रहा है. उनका दावा है कि मध्य प्रदेश में 700 बाकी बचे हैं अगर शासन चाहे तो बिना किसी शर्त के, बिना वेतन के बॉर्डर पर अपने देश के लिए मरने को तैयार हैं.

बिना वेतन के 700 बागी बॉर्डर पर मरने को तैयार: मलखान सिंह
पुलवामा घटना में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कानपुर पहुंचे पूर्व दस्यु सरगना मलखान सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलवामा में जो हमारे सैनिक शहीद हुए हैं उसको लेकर हमारा खून खौल रहा है. सरकार अगर हमको इजाजत दे तो हमारे साथ 700 बाकी हैं जो अपनी जान पर खेलकर आतंकवादियों से लड़ेंगे. हमें कोई वेतन नहीं चाहिए यह हम से लिख कर ले सकते हैं. जब मलखान सिंह ने पूछा गया कि कितनों को मारोगे तो उनका जवाब था कि हम अनाड़ी नहीं है हमने 15 साल तक चंबल घाटी में कोई कथा नहीं बाची. जो होगा देखा जाएगा, लेकिन मलखान सिंह पीछे नहीं हटेगा. क्योंकि हमारी प्लानिंग बहुत पक्की रहेगी इसलिए हम चाहते हैं कि हमको बॉर्डर पर भेज दिया जाए.

पुलवामा में हुए आतंकी हमले पर मलखान सिंह ने कहा कि इसके लिए सभी नेताओं को पार्लियामेंट के बाद धरने पर बैठना चाहिए और तब तक धरने से हटे जब तक फैसला हो जाएगी पाकिस्तान में घुसकर मारो.

चुनाव लड़ने की जताई इच्छा

मंगलवार को डाकू मलखान सिंह पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने कानपुर आए हुए थे.बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, जब वादे पूरे नहीं करोगे तो हारोगे ही. मप्र में हार गए. मलखान सिंह ने कहा, अगर लोकसभा चुनाव में टिकट मिलती है, तो जरूर लड़ूंगा.साथ ही कहा, चुनाव होंगे और होते रहेंगे लेकिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला जरूर लेना चाहिए. अगर कश्मीरपर फैसला नहीं लिया गया तो कोई भी राजनीती पर विश्वास नहीं करेगा. पाकिस्तान में घुस कर उसकी धज्जिया उड़ाने का वक्त आ गया है.एक या दो आतंकियों को मारने में हमारे देश 5 जांबाज शहीद हो गए.

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