गोरखपुर:पूर्वांचल की राजनीति में निषाद जाति के वोट बैंक को हथियाने को लेकर गोरखपुर के दो निषाद राजनीतिक घरानों में पैदा हुई टकराहट अब खुलेआम हो गई है. गोरखपुर के मौजूदा सांसद निषाद राज पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के पुत्र हैं. पूर्व मंत्री जमुना निषाद के पुत्र और 2017 विधानसभा के चुनाव में पिपराइच विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके अमरेंद्र निषाद खुलकर बिरादरी के वोट को लेकर आमने-सामने आ गए हैं.
निषाद जाति के वोट को लेकर गोरखपुर में मचा संग्राम
निषाद बिरादरी के दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप लगाने के लिए मीडिया का सहारा लिया और खुद को इस बिरादरी का सबसे बड़ा हिमायती होने का दावा करते रहे. दरअसल आसन्न लोकसभा चुनाव 2019 में दोनों नेता अपने पाले में इस बिरादरी को करने में जुटे हैं.
अमरेंद्र निषाद ने अपनी माता पूर्व विधायक राजमती निषाद और समर्थकों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निषाद पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि निषादों के हित की बात करने और उनके जरूरतों को पूरा करने के इरादे से निषादराज पार्टी चुनावी मैदान में कूदी थी जिसे समाजवादी पार्टी ने अपना सिंबल भी प्रदान करते हुए सहयोग दिया था, लेकिन यह दल और उसके नेता सिर्फ अपने हित में लगे हुए हैं.
उन्होंने इस दौरान समाजवादी पार्टी को भी घेरा जो अपनों को पहचानने में भूल कर रही है. अमरेंद्र निषाद ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया, लेकिन यह नहीं बताया कि वह किस दल से लड़ेंगे. सूत्रों की मानें तो अमरेंद्र भाजपा में जा सकते हैं क्योंकि उनकी मुलाकात 5 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर सर्किट हाउस में हुई थी, जिसके बाद वह इस तरह के आक्रामक मूड के साथ निषाद पार्टी और उसके नेता को घेरने उतर पड़े हैं.