चित्रकूट: जनपद के गांव निहि में एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने एक बेहतरीन और सार्थक पहल की है. कभी डाकुओं का साम्राज्य रहे इस गांव में खाकी ने गरीब बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. दरअसल इन बच्चों के अभिभावकों का किसी न किसी डाकू गैंग के साथ ताल्लुक रहा है. ऐसे में पुलिस की यह पहल एक नई पीढ़ी को अपराध की अंधेरी दुनिया से बचाने का काम रही है. ग्रामीणों और उनके बच्चों के बीच शिक्षा की अलख जगाने वाली यह पहल समाज को नई दिशा दे रही है.
डाकुओं के खौफ को मिटाने वाली कार्रवाई
चित्रकूट पाठा के गांव हमेशा से ही डाकू की शरण स्थली रहे हैं. इस बीहड़ में कुख्यात डाकू ददुआ, ठोकिया और बबली जैसे डाकू राज करते आ रहे थे. निहि गांव सात लाख के इनामी डाकू बबली कोल का गढ़ माना जाता रहा है. साल 2017 में मुठभेड़ के बाद पुलिस ने डाकू बबली गैंग की रीढ़ तोड़ दी. पुलिस ने इस गैंग के पास से सेमी ऑटोमेटिक गन जैसे अत्याधुनिक हथियार, कारतूसों का जखीरा और भारी मात्रा में राइफल बरामद किए थे. इस कार्रवाई में एक जाबांज दारोगा जय प्रकाश सिंह को जान गवांनी पड़ी थी, साथ ही एक अन्य दारोगा भी गंभीर रूप से घायल हो गया था.