चन्दौली:बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर उचित पारिश्रमिक समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षकों ने बहिष्कार कर तीनों केंद्रों पर धरना दिया. इससे कॉपी का मूल्यांकन कार्य बाधित है. उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बहिष्कार कर दिया है.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर बोर्ड परीक्षा कॉपी मूल्यांकन का बहिष्कार कर शिक्षक धरने पर बैठ गए. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शासन-प्रशासन पर शिक्षकों की उपेक्षा का आरोप लगाया और निरंतर कॉपी मूल्यांकन का बहिष्कार करने की बात कही. शिक्षक नेता वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली, वित्तविहीन को मान्यता देने, एनसीटीई विसंगति दूर करने, चिकित्सकीय सुविधा समेत 9 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं. उसका असर भी देखने को मिला.
बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन बाधित, शिक्षक कर रहे बहिष्कार केंद्र प्रभारी का कहना है कि शिक्षकों के आंदोलन से समस्या जरूर हो रही है, लेकिन एकल प्रश्न पत्र होने की वजह बोर्ड की कॉपियों की संख्या बेहद कम है. इससे बहुत अधिक समस्या नहीं होगी. समय रहते मूल्यांकन कार्य पूरा कर लिया जाएगा. पहले दिन बोर्ड परीक्षा की एक भी कॉपी का मूल्यांकन नहीं किया जा सका.
केंद्र प्रभारी ने डिप्टी हेड को बोर्ड की नीतियों से अवगत कराकर ही इतिश्री कर ली. जिले में कुल तीन जगह बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन किया जा था है. इंटरमीडिएट की कॉपियां महेंद्र टेक्निकल इंटर कॉलेज चन्दौली, जबकि हाईस्कूल की कॉपियां नगरपालिका इंटर कॉलेज मुगलसराय और आदित्य नारायण इंटर कॉलेज चकिया में किया जा रहा है.
बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन बाधित, शिक्षक कर रहे बहिष्कार वक्ताओं ने कहा कि कॉपियां जांचने पर काफी कम पारिश्रमिक दिया जाता है. कई वर्षों के मूल्यांकन पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया. इसको लेकर हर बार आंदोलन की राह पकड़नी पड़ती है फिर भी माध्यमिक शिक्षा परिषद कोई पहल नहीं कर रहा. इससे रोष गहराता जा रहा है. उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली, एनसीटीई विसंगतियों को दूर करने, वित्तविहीन स्कूलों को मान्यता प्रदान करने की मांग की. कहा वित्तविहीन स्कूलों को मान्यता न मिलने से जिले के छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है. जिले में छात्रों की संख्या के सापेक्ष विद्यालय नहीं हैं. ऐसे में विद्यार्थी दूसरे जिलों का रुख करने को विवश हैं. चेताया कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.