उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / briefs

बागपत के इस परिवार ने प्रथम विश्वयुद्ध और कारगिल युद्ध में की कई पीढ़ियां न्यौछावर - bagpat News

पूरी दुनिया को युद्ध की आग में झोंकने वाले प्रथम विश्वयुद्ध में बागपत के गांव साकरोदा का छल्ला सिंह का यह परिवार रहा है साक्षी.

जब-जब देश पर हुआ प्रहार, 105 साल से लड़ रहा छल्ला सिंह का परिवार

By

Published : Feb 28, 2019, 9:45 PM IST

बागपत:पूरी दुनिया को युद्ध की आग में झोंकने वाले प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर कारगिल तक युद्ध का साक्षी रहा है साकरोदा गांव का छल्ला सिंह का परिवार. अगर आपको देशभक्ति का जज्बा देखना है तो बागपत के साकरोदा गांव में देखिए. देश की सेवा करने के लिए इस परिवार ने अपनी कई पीढ़ियां न्यौछावर कर दी हैं.

इस परिवार के सदस्य देश के लिए प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अब तक देश की सेवा कर रहे हैं. इस परिवार का एक पुत्र आज भी वायुसेना में नौकरी करके देश की सेवा के लिए पुश्तैनी परंपरा को निभा रहा है. परिवार का कहना है भारतीय सेना के लिए आगे भी इस परिवार की पीढ़ी सेवा देती रहेगी.

जब-जब देश पर हुआ प्रहार, 105 साल से लड़ रहा छल्ला सिंह का परिवार

यह परिवार है साकरोदा गांव का छल्ला सिंह का. छल्ला सिंह के पुत्र छज्जू सिंह, भागल सिंह और छोटे सिंह ये तीनों हैदराबाद ग्रुप में निजाम की सेना में भर्ती हुए थे. 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक प्रथम विश्व युद्ध में इन्होंने अपने कौशल का परिचय दिया था. इसके बाद छज्जू सिंह के पुत्र राम सिंह आजाद हिंद फौज के जवान रहे. ये सितंबर 1939 से 2 सितंबर 1945 तक द्वितीय विश्व युद्ध लड़ाई में शामिल रहे हैं.


आस-पास के लोग आज भी उनकी शौर्य गाथा अपने बच्चों को सुनाते हैं. छल्ला सिंह के ही परिवार के रामवीर और उनके पुत्र रतन पाल और ओमवीर सिंह भी भारतीय सेना में शामिल हुए थे. इन दोनों भाइयों ने कारगिल युद्ध में अपना योगदान वीरतापूर्वक दिया था. संसद हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान दोनों भाईयों को अंबाला में अलर्ट पर रखा गया था.

जब-जब देश पर हुआ प्रहार, 105 साल से लड़ रहा छल्ला सिंह का परिवार

अब रतनपाल सिंह के पुत्र अविनाश भारतीय वायुसेना में भर्ती होकर पुश्तैनी परंपरा निभा रहे हैं. मौजूदा समय में इनकी पोस्टिंग गुजरात के जामनगर में है. अविनाश के पिता रतन पाल सिंह ने बताया कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच गरमागरम माहौल के चलते अविनाश को अलर्ट पर रखा गया है. उसे आपात स्थिति में युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए निर्देश दिए गए हैं. अविनाश की मां का कहना है कि आगे भी देश की सेवा के लिए मेरे पुत्र के बच्चे भारतीय सेना के लिए सेवा देते रहेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details