मिर्जापुर: जिला कारागार में बंदियों के हाथों से बनी कालीन अब जर्मनी में बिकेगी होगी. जिला कारागार में 12 बंदियों ने कालीन और दरी बुनाई का प्रशिक्षण हासिल किया है. इस प्रशिक्षण से बंदी जेल के अंदर कालीन बना रहे हैं और अब इन कालीनों को जर्मनी में बेचा जाएगा. बंदियों को उपलब्ध करा रहे रॉ मैटेरियल कालीन कारोबारी का कहना है कि इस प्रशिक्षण से बंदियों को आर्थिक मुनाफा के साथ सजा पूरी होने के बाद जीने का एक जरिया भी मिलेगा.
- मिर्जापुर जिला कारागार में 12 बंदियों ने कालीन प्रशिक्षण हासिल किया है.
- बंदियों की बनी कालीन को जर्मनी में बेचा किया जाएगा.
- कालीन के सेल होने से एक कैदी को लगभग 15 सौ रुपये महीने की कमाई होती है.
- यह पैसे कैदियों के खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.
जेल अधीक्षक अनिल राय ने बताया कि-
- बंदियों को हुनरमंद बनाने के लिए मार्च महीने में दरी और कालीन बुनाई प्रशिक्षण शिविर शुरू किया गया था.
- इसका कच्चा माल देने के लिए विक्रम कारपेट कंपनी सामने आई थी.
- तीन माह का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वर्तमान में जेल में 12 बंदी बुनाई का काम कर रहे हैं.