लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने 'एक देश-एक चुनाव' के मुद्दे पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. बसपा सुप्रीमो का कहना है कि 'एक देश-एक चुनाव' देश का मुद्दा नहीं बल्कि यह बीजेपी का नया ढकोसला है. भाजपा देश के लोकतंत्र को हाईजैक करना चाहती है. साथ ही लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ही भाजपा ने यह 'एक देश-एक चुनाव' का राग अलापा है.
- सरकार को संविधान और लोकतंत्र को आघात पहुंचाने वाली सोच, मानसिकता एवं कार्यकलापों से दूर रहना चाहिए.
- 130 करोड़ से अधिक जनसंख्या, 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों पर आधारित लोकतांत्रिक देश में 'एक देश-एक चुनाव' के बारे में सोचना ही प्रथम दृष्टया गैर संवैधानिक प्रतीक होता है.
- देश के संविधान निर्माताओं ने न तो कभी इसकी परिकल्पना की और न ही इसकी कोई गुंजाइश देश के संविधान में है.
- दुनिया के किसी छोटे से छोटे देश में भी ऐसी कोई व्यवस्था चलन में नहीं है.
- दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव कभी कोई समस्या नहीं हो सकती है, साथ ही चुनाव की धन के व्यय-अपव्यय से तुलना अनुचित है.
- 'एक देश-एक चुनाव' की बात करना गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हिंसा और जानलेवा राष्ट्रीय समस्याओं से ध्यान बांटने का छलावा मात्र लगता है.