वाराणसी:लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनैतिक पार्टियों के साथ अब प्रशासन ने भी कमर कस लिया है. इसी के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण के कार्य में लगे बीएलओ को भी नई पहचान देने की तैयारी शुरू कर दी गई है. बीएलओ के पास पहचान नहीं होने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था.
वाराणसी: लोकसभा चुनाव से पहले बीएलओ को मिलेगी 'पहचान'
वाराणसी में लोकसभा चुनाव से पहले बीएलओ को 'पहचान' देने की कवायद शुरू कर दी गई है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इलेक्शन को लेकर तैयारियों की समीक्षा की थी. जिसमें यह बात सामने आई थी कि पहचान पत्र नहीं होने के कारण बीएलओ को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
वाराणसी में हाल ही में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर एल ने इलेक्शन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की थी. इस दौरान यह बात सामने आई थी कि बीएलओ के पास आई कार्ड नहीं होने के कारण उन्हें शहरी क्षेत्र में कई परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण बीएलओ को बार-बार लोगों के सामने अपनी पहचान बतानी पड़ती है. साथ ही कुछ लोग उनपर विश्वास भी नहीं करते हैं. इन सभी समस्याओं को देखते हुए बीएलओ को आई कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से शहरी क्षेत्र में बीएलओ को आई कार्ड जारी किए जा रहे हैं. जिससे उन्हें किसी भी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े. फिलहाल लगभग 8000 से ज्यादा कर्मचारियों को इस बार चुनाव में लगाया जाना है. जिनमें से अभी तक लगभग 1500 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य कर रहे हैं.