लोकतंत्र का गला न घोंटा गया होता तो 2014 में ही जीतता चुनाव : सुब्रत पाठक - लखनऊ समाचार
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा और एनडीए के उम्मीदवारों ने बड़े-बड़े दिग्गजों को हराया है. खासकर अमेठी से राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी की चर्चा पूरे देश में है. वहीं कन्नौज सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की करारी शिकस्त भी चर्चा का विषय है .
बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक
नई दिल्ली/लखनऊ: लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को भाजपा के सुब्रत पाठक ने लगभग 13000 वोटों से हराया. पहली बार कन्नौज सीट पर भाजपा को लगभग 50% वोट मिले हैं. सुब्रत पाठक सांसद की जिम्मेदारी लेने दिल्ली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.
- सुब्रत पाठक ने बताया कि कन्नौज सीट पर 2014 में ही वह हार गई होती अगर उस वक्त की अखिलेश सरकार ने लोकतंत्र का गला न घोंटा होता.
- सुब्रत पाठक ने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया.
- उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जनता ने जात पात और धर्म सम्प्रदाय से ऊपर उठकर मतदान किया.
- इसी वजह से भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है.
- बतौर सांसद सुब्रत पाठक की क्या प्राथमिकताएं होंगी इस सवाल पर नवनिर्वाचित सांसद ने कहा कि वह इतिहास की धरती कन्नौज के नाम को और आगे लाने का काम करेंगे.
- चुनाव लड़ने से पहले क्या जीत की उम्मीद थी? इस सवाल पर सुब्रत ने कहा कि उन्हें अपनी जीत का पूरा भरोसा था.