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हरदोई: बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल और उनके बेटे ने दलितों के साथ मंदिर में की पूजा, विरोधियों पर कसा तंज

जिले के श्रवण देवी मंदिर परिसर में सदर विधायक नितिन अग्रवाल ने अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के साथ पूजा अर्चना की.

naresh yadav

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Published : Feb 18, 2019, 11:39 AM IST

हरदोई: श्रवण देवी मंदिर परिसर में सदर विधायक नितिन अग्रवाल ने अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग का सम्मेलन आयोजित किया. जिसमें पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल ने भी शिरकत की. उन्होंने जनवरी में मंदिर परिसर को गंगा जल से शुद्ध करने वालों पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे लोगों का चुनाव में बहिष्कार करें. हम दलितों के साथ भेदभाव नहीं होने देंगे. दलित समाज ने आज संकल्प लिया है कि जो लोग यहां आए थे चुनाव में उन्हें सबक सिखा कर ही दम लेंगे. सम्मेलन के समापन के बाद नरेश अग्रवाल और उनके विधायक बेटे नितिन अग्रवाल ने मंदिर परिसर में दलित और पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ मंदिर परिसर में पूजा अर्चना की.

पूजा करते भाजपा नेता नरेश अग्रवाल

जिले के प्राचीन मंदिर श्रवण देवी में विगत 6 जनवरी को सदर विधायक नितिन अग्रवाल ने एक दलित सम्मेलन का आयोजन किया था. जिसमें नरेश अग्रवाल ने भी शिरकत की थी. इस कार्यक्रम में कथित तौर पर सदर विधायक पर शराब बांटने का आरोप लगा था. जिसके बाद भाजपा के ही कुछ लोगों ने मंदिर परिसर में गंगाजल छिड़क कर शुद्धिकरण किया था. इसके बाद भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने नरेश अग्रवाल का मुखर होकर विरोध किया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नरेश अग्रवाल और उनके विधायक बेटे नितिन अग्रवाल पर कड़ी कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा था.

नरेश अग्रवाल ने दलितों के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की.

रविवार को पुनः आयोजित दलित एवं पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में नरेश अग्रवाल ने अपने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि, उन्होंने मंदिर परिसर में अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन किया था. इन लोगों को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लोग कैसे यहां आ गए. इसके कारण यह लोग हैंडपंप से पानी भर कर इसे गंगाजल बताकर मंदिर परिसर में शुद्धिकरण कराया. उन्होंने आगे कहा कि मंदिर परिसर में घुसने से किसी को रोका नहीं जा सकता. मंदिर परिसर में गंगाजल से छिड़काव इन लोगों ने इसलिए किया की मंदिर में दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग कैसे आ गए. इसी को देखते हुए हमने दलितों के साथ मंदिर में पूजा की है.

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