गोरखपुर: संसदीय चुनाव के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को मिली बड़ी जीत के लिए भले ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह को जीत का श्रेय दिया जा रहा है लेकिन पार्टी के तमाम ऐसे वरिष्ठ पदाधिकारी भी हैं जिनकी मेहनत और जिम्मेदारियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ऐसा ही कुछ देखने को मिला गोरखपुर संसदीय सीट पर जहां पर्दे के पीछे रहते हुए वरिष्ठ पदाधिकारी रामजियावन मौर्य ने जिले की संसदीय सीट से बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई. इसको लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने रामजियावन मौर्य से खास बातचीत की.
जानिए, कौन हैं रविकिशन की जीत के साइड हीरो !
गोरखपुर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला ने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है. वहीं इसको लेकर जिले के लोकसभा संयोजक रामजियावन ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि जातिवाद का जहर समाज से गायब करने में बीजेपी कामयाब हुई है.
' रामजियावन मौर्य' रविकिशन के जीत के साइड हीरो/ जानिए कौन हैं रविकिशन की जीत के साइड हीरो
जानिए कौन हैं रामजियावन मौर्य
- रामजियावन मौर्य बीजेपी के काफी वरिष्ठ नेता हैं.
- संघ से लेकर पार्टी के विभिन्न पदों पर उन्होंने काम किया है.
- पिछड़े वर्ग के नेता के रूप में भी इनकी एक बड़ी पहचान है.
- जिले के महामंत्री का दायित्व रहा हो या मौजूदा समय में अनुशासन समिति में प्रदेश के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी, रामजियावन इन सभी चीजों को बड़ी सरलता और सफलतापूर्वक संपन्न कराते रहे हैं.
- रामजियावन पेशे से शिक्षक भी रहे हैं और काफी सुलझे हुए चेहरे माने जाते रहे हैं.
- गोरखपुर जैसी संसदीय सीट पर लोकसभा संयोजक जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी मिलना इस बात की ओर इशारा करता है की मौर्य निश्चित रूप से संगठन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैमाने पर खरे उतरने वाले लोगों में से रहे हैं.
- वहीं उन्हें रवि किशन को जिताने के लिए एक बड़ी भूमिका अदा करने की जिम्मेदारी मिली थी.
जानिए क्या कहा रामजियावन ने
- बीजेपी का विजय का अभियान आने वाले 50 वर्षों तक अब रुकने वाला नहीं है.
- पार्टी को मिली बड़ी जीत से इस देश में एक परिवार की कायम हो चुकी राजनीति परंपरा ध्वस्त हुई है.
- जातिवाद का जहर भी समाज से गायब करने में बीजेपी कामयाब हुई है.
- उन्होंने कहा कि संगठन के भरोसे पर खरा उतरना उनके लिए बड़ा चैलेंज था.
- राजनीतिक अनुभव का उपयोग बूथ की संरचना से लेकर बड़ी रैलियों की सफलता तय करने में मैंने लगा दिया.
- आज पूरा देश मोदी, योगी और अमित शाह के जिस भरोसे का और नीति का गुणगान कर रही है उसी भरोसे और नीति का मैं भी एक सिपाही था.
- वहीं खुद को मिले दायित्व को निभाने के लिए प्रण से जुटा था.
- जिसका परिणाम काफी सुखद रहा और पार्टी प्रत्याशी तीन लाख से ज्यादा मतों से जीतने में कामयाब हुए.