बाराबंकी:सूकरों में होने वाले जापानी इंसेफ्लाइटिस पर काबू पाने के लिए विभाग ने अभियान शुरू किया है. इसके लिए विभाग ने 15 टीमें गठित कर उनको गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं. महीने भर चलने वाले इस विशेष अभियान में न केवल लोगों को जापानी बुखार से बचाव के तौर तरीके बताए जाएंगे बल्कि सूकरों की जांच कर उनका सीरम सैम्पल भी लिया जाएगा.
सूकरों में होने वाले जापानी इंसेफ्लाइटिस को रोकने के लिए पशुपालन विभाग का अभियान.
जानलेवा जापानी इंसेफ्लाइटिस
- जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम खतरनाक जानलेवा बीमारी है.
- गोरखपुर के लोग इससे कई वर्षों से पीड़ित हैं. यहां अब तक सैकड़ों बच्चों की जान जा चुकी है.
- यह खतरनाक बीमारी धीरे-धीरे दूसरे क्षेत्रों में फैलने लगी है.
- मच्छरों के काटने से फैलने वाली यह बीमारी सूकरों से फैलती है.
- पशुपालन विभाग इसकी रोकथाम के लिए सूकर पालकों को दूसरे पशुपालन की सलाह दे रहा है.
- इसके लिए पशुपालन विभाग ने सोमवार से अभियान शुरू किया है.
अभियान की खास बातें
- इस अभियान के तहत जिले के सभी 15 ब्लॉकों में विभाग की 15 टीमें जाकर लोगों को जागरूक करेंगी.
- तीन सदस्यीय इस टीम में एक पशु चिकित्साधिकारी, एक पशुधन प्रसार अधिकारी और एक टेक्निकल सदस्य रहेगा.
- टीम गांवों में जाकर सूकर पलकों से दूसरे पशु पालने को कहेंगी.
- जो लोग सूकर पाल रहे हैं उन्हें गांव से बाहर बाड़ा बनाने को कहा जाएगा. साथ ही इनको मच्छर दानी के अंदर रखने के निर्देश दिए जाएंगे.
- गंदगी वाले स्थानों और बाड़े के आस-पास कीट नाशक दवाइयों का छिड़काव कराया जाएगा.
- सूकरों का सीरम सैंपल लेकर उसकी प्रयोगशाला से जांच कराई जाएगी.
जापानीइंसेफ्लाइटिस की रोकथाम के लिए यह पहल की जा रही है. इसके तहत जिले भर में टीमें गठित की गई हैं. सभी सूकर पालकों को जागरूक किया जाएगा और साथ ही इसके बेहतर विकल्प अपनाने की सलाह दी जाएगी.
- डॉ. एसी जायसवाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी