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बलरामपुर : पानी पहुंचा पाताल, हैंडपंपों ने भी छोड़ा साथ - depleting water level in balrampur uttar pradesh

जनपद में पेयजल संकट की समस्या विकाराल हो गई है. भूगर्भ-जलस्तर बेहद नीचे गिर चुका है. बोरबेल और हैंडपंपों से पानी निकलना बंद हो गया है. जल संकट से निपटने के लिए प्रशासन की तमाम कोशिशे नाकाम साबित हो रही हैं.

बलरामपुर में गहराया जल संकट.

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Published : Jun 15, 2019, 11:18 PM IST

बलरामपुर:पूरे उत्तर भारत में इस वक्त चिलचिलाती धूप और गर्मी ने आम जनमानस की परेशानियां बढ़ा दी हैं. गर्मी के कारण गांव में स्थित तालाबों और जलाशय सूख चुके हैं. लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा है, सरकार की उदासीनता और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल मिलने का संवैधानिक अधिकार मिला हुआ है.

बलरामपुर में गहराया जल संकट.
ग्रामीण आबादी के सामने पेयजल संकट

जिले की 801 ग्रामसभाओं में कुल 4 हजार 331 मजरे हैं. इनमें से तकरीबन 100 ग्राम सभाओं में पेयजल का संकट गहरा गया है. अधिकतर ग्राम सभाओं में नल ने पानी देना छोड़ दिया है. सरकारी नल पहले ही सूख चुके हैं. मरम्मत ना हो पाने के कारण यहां लोग पानी को तरसने पर मजबूर हैं. गैसड़ी ब्लाक के सिरसिहवा-बघनीसीर ग्रामसभा में पानी की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है. यहां घरों में लगे नलों ने पानी छोड़ दिया है. जल स्तर पिछले साल की तुलना में काफी नीचे गिर चुका है. इस गांव के बढ़ई टोला के एक मंदिर के पास लगे सरकारी नल पर अब भीड़ लगी रहती है.

जलस्तर का लगातार गिरता स्तर
भूगर्भ जल विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष बलरामपुर जिले का भूगर्भ जल स्तर मानसून से पहले 4.5 से 5 पॉइंट तक रिकॉर्ड किया गया है. पिछले वर्ष के आंकड़ों को देखें तो यह आंकड़ा मानसून से पहले 4.5 पॉइंट था जबकि मानसून के बाद 3 पॉइंट रिकॉर्ड किया गया था.

पिछले दो महीने से गांवों में पानी का संकट है. यहां सरकारी बोरबेल के चलते जमीन का पानी सूखता जा रहा है. जिन लोगों का नल बहुत नीचे बोर है, उन्हें भी समस्या हो रही है.
- नीलम, ग्रामीण

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत ग्रामसभाओं में डीप बोर हैंडपंप लगवाने के व्यवस्था की जा रही है. जिन गांवों का जलस्तर गिर गया है, वहां वाटर स्टोरेज की व्यवस्था को बढ़ाने की कवायद भी की जा रही है. अगले 2 महीनों में एक विशेष अभियान चलाकर गांवों में जलस्तर स्कोर बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही जिन गांवों में अभी जल की समस्या है वहां हैंडपंप लगवाए जा रहे हैं.
- कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी

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