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सुबह की सैर के लिए ललितपुर का एकमात्र पार्क बना शराबियों का अड्डा, प्रशासन को नहीं होश - ललितपुर पार्क

ललितपुर में स्थानीय लोगों के सैर के लिए आजाद चंद्रशेखर पार्क अब शराबियों का अड्डा बन चुका है. पार्क में न तो लाइटिंग की व्यवस्था है और न ही कोई चौकीदार यहां तैनात किया गया है.

ललितपुर चंद्रशेखर पार्क

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Published : Feb 6, 2019, 6:01 PM IST

ललितपुर : शहर के मुख्यालय पर स्थानीय लोगों के सैर करने के लिए बने पार्क का हाल बेहाल है. वहीं कुछ लोगों ने चंद्रशेखर उद्यान पार्क को शराब पीने का अड्डा बना लिया है. अंग्रेजों के समय शहर के बीचों बीच सैन्य अधिकारियों के लिए यह पार्क बनाया गया था. इस पार्क को आजादी के बाद से नगरपालिका ने अपने हाथों में ले लिया था, जिसका हाल अब बेहाल होता जा रहा है.

ललितपुर का चंद्रशेखर पार्क की हाल-बेहाल.

यदि कोई व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के लिए सजग है, तो उसे शहर में ऐसा कोई पार्क नहीं मिलेगा जहां वह प्रदूषण रहित वातावरण में सैर कर सके. पार्क की ऐसी स्थिति देख लोगों को टहलने के लिए सुनसान सड़क तलाशनी पड़ती है. वैसे तो हर मौसम में लोग सुबह शाम अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए टहलते है.

इस पार्क का नामकरण चंद्रशेखर उद्यान हुआ. वर्तमान में इस पार्क का रखरखाव का जिम्मा उद्यान विभाग के पास है. इस पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए पूर्व चेयरमैन ने लाखों रुपये के निर्माण कार्य कराए. इसमें टहलने के लिये पाथवे भी बनवाए. लेकिन वर्तमान में इस पाथवे के पटिया जगह-जगह उखड़ गए है. यही नहीं पार्क के अंदर बनाए गए प्रसाधन केंद्रों का भी बुरा हाल है. साथ ही पार्क की देखरेख के लिए कोई भी चौकीदार की व्यवस्था भी नहीं की गई है और 24 घंटे पार्क का गेट भी खुला हुआ रहता है.


पार्क में टहलने आने वाले लोगों का कहना है कि पार्क को शराबियों ने अपना अड्डा बना लिया है. साथ ही इस पार्क में अनैतिक कार्य भी होते है.पार्क में न कोई लाइटिंग की व्यवस्था है न ही घूमने के लिए पाथवे ठीक है. पूरे पार्क में एक ही सफाई कर्मी है, जो दिन रात लगा रहता है.

जब इस बारे में उद्यान अधिकारी से वार्ता की गई तो उनका कहना है कि पहले 10 से 4 बजे तक पार्क के गेट बंद रहते थे, तो प्रशासन ने 24 घंटे खोलने को बोला. अब दिन भर यहां लोगों का आना-जाना लगा रहता है, तो गंदगी तो फैलती है. जिसे अगले दिन ही साफ किया जा सकता है. यहां के पाथवे टूटा हुआ है. इसके लिए कई बार लिखकर भी नगरपालिका प्रशासन को दिया जा चुका है.

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