प्रयागराज:इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ को हटाकर छात्र परिषद बनाने पर संघ के छात्रों और नेताओं में आक्रोश है. छात्र संघ का कहाना है कि छात्र परिषद के गठन से विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ पहली बार 1923 में अस्तित्व में आया था और अब तक संघ ने अपने 97 साल ही पूरे किए हैं, ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अगर छात्र परिषद का गठन होता है तो छात्र संघ अपनी सेंचुरी नहीं बना पाएगा.
छात्र संघ के आने से क्या आएंगे बदलाव
- छात्र परिषद में छात्र संघ की तरह इसमेंआम छात्र सीधे पदाधिकारी नहीं चुने पाएंगे.
- सबसे पहले प्रत्येक क्लास के हर सेक्शन से एक क्लास प्रतिनिधि चुना जाएगा, चुने हुए प्रतिनिधि छात्र परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री चुने और अन्य पदाधिकारी चुने जाएंगे.