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उभरते निशानेबाजों के हुनर से खिलवाड़ कर रहा प्रशासन, शूटर्स को नहीं मिल रहा रायफल का लाइसेंस

ताजनगरी आगरा में उभरते निशानेबाजों को रायफल का लाइसेंस नहीं मिल रहा है. कई महीनों के आवेदन के बाद भी प्रशासन इन शूटर्स को लाइसेंस जारी नहीं कर रहा है. इससे यह शूटर्स आगामी चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.

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Published : Mar 9, 2019, 7:31 AM IST

शूटर्स को नहीं मिल रहा लाइसेंस.

आगरा:भारत का प्रतिनिधित्व कर जहां हमारे खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ शासन-प्रशासन की बेरुखी के चलते ताजनगरी के उभरते नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के शूटर्स इन दिनों परेशान नजर आ रहे हैं. दरअसल, जिलाधिकारी आगरा इन सभी उभरते निशानेबाजों के भविष्य पर कुंडली मारकर बैठ गए हैं. आठ माह से राइफल और पिस्टल बनवाने के लिए यह शूटर्स लगातार डीएम ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक इन्हें लाइसेंस नहीं मिल सका है.

शूटर्स को नहीं मिल रहा लाइसेंस.

लाइसेंस में हुई देरी से 10 से ज्यादा नेशनल लेवल के शूटर्स बीते साल नेशनल चैंपियनशिप में भी नहीं जा सके थे. वहीं इस बार भी 12 से ज्यादा उभरते निशानेबाजों का भविष्य प्रशासन की बेरुखी से गर्त में जाता दिखाई दे रहा है.

14 शूटर्स को नहीं मिल पाया है राइफल्स का लाइसेंस

देश की नंबर दो दिव्यांग इंटरनेशनल शूटर सोनिया शर्मा, इंटरनेशनल शूटर मयंक पाठक के साथ ही नेशनल लेवल के शूटर्स समीर डागुर, नवीन डागुर, कृष्णा जादोन, कुणाल राठौड़ समेत 14 शूटर्स ने राइफल्स के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. 8 माह बीत जाने के बाद भी इन उभरते निशानेबाजों को अब तक रायफल का लाइसेंस नहीं मिल पाया है.

6 महीने पहले किया था आवेदन

नेशनल लेवल के शूटर कुणाल राठौड़ का कहना है कि उन्होंने 6 महीने पहले आवेदन दिया था लेकिन जिलाधिकारी राइफल लाइसेंस की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें राइफल का लाइसेंस नहीं मिला है. शूटर कुणाल राठौड़ 10 मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर प्रॉन्स शूटिंग में प्रतिभाग करते हैं. उन्होंने बताया कि 2018 में केरल में हुई नेशनल चैंपियनशिप में 50 मीटर प्रॉन्स कैटेगरी में राइफल नहीं होने की वजह से वह शामिल नहीं हो पाये थे.

लाइसेंस न मिलने से नहीं खेल पाए थे नेशनल चैंपियनशिप

बलकेश्वर के राधा नगर निवासी कृष्णा जादौन भी नेशनल स्तर के शूटर हैं. कृष्णा ने बताया कि फरवरी 2018 में उन्होंने .22 बोर की राइफल के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. लेकिन डीएम साहब ने लाइसेंस जारी नहीं किया है. इसकी वजह से वह नेशनल चैंपियनशिप भी नहीं खेल पाए.

लाइसेंस नहीं मिला तो शूटिंग चैंपियनशिप से होंगे बाहर

वहीं शास्त्रीपुरम के निखिल पैराडाइज निवासी नवीन डागुर को मई में होने वाले इंटरनेशनल इवेंट में शामिल होने जाना है. नवीन के भाई समीर का भी नाम इंडियन टीम स्क्वाड में शामिल है. दोनों भाइयों ने राइफल के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं मिला है. इस बारे में उनके पिताजी कमिश्नर से भी मिल चुके हैं लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में विदेश में होने वाले शूटिंग चैंपियनशिप में उनका शामिल होना मुश्किल लग रहा है.

मामले की जानकारी न होने का दिया हवाला

वहीं इस बारे में एडीएम सिटी केपी सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन हमेशा से शहर के उभरते हुए निशानेबाजों की मदद कर रहा है. मामले को संज्ञान में लेते हुए जल्द ही पात्र शूटर्स को लाइसेंस दे दिया जाएगा.

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