सुलतानपुर:लगातार घटते भूगर्भ जलस्तर के कारण जिले में पानी का संकट गहराता जा रहा है. हालात यह है कि सुदूरवर्ती 3 ब्लॉक को क्रिटिकल जोन में शामिल कर दिया गया है. इन ब्लाकों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए राजस्व विभाग ने जिले के 217 ऐसे जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है, जो अतिक्रमण की चपेट में है. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने सभी जलाशयों के निर्माण एवं लंबित कार्यों की रिपोर्ट तलब की है.
जिले को पेयजल संकट से बचाने के लिए जलाशयों को होगा जीर्णोद्धार - सुलतानपुर न्यूज
सुलतानपुर में घटते भूगर्भ जलस्तर की वजह से पेयजल संकट उत्पन्न होता नजर आ रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी जलाशयों का जीर्णोद्धार कराने का फैसला किया है.
राजस्व विभाग ने जिले में 217 जलाशयों का रिकॉर्ड पेश किया है. यह ऐसे जलाशय हैं, जो या तो अतिक्रमित हैं या फिर अतिक्रमण की चपेट में है. इन जलाशयों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गई है. टीम को संरक्षण के लिए जिला विकास विभाग को अधिकृत किया गया है.
इन जलाशयों को मनरेगा के बजट से तैयार किया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक मजदूर को175 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. यह ऐसे मजदूर होंगे जो जॉब कार्ड धारक होंगे. वहीं बिचौलियों की सक्रियता को रोकने और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने के लिए मनरेगा योजना के तहत मजदूरों के खाते में सीधे यह राशी भेजी जाएगी. इसकी निगरानी के लिए मुख्य विकास अधिकारी ने डीसी मनरेगा को दिशा निर्देश भी दिए हैं और मानीटरिंग शासन के निर्देश पर कराई जा रही है.