कासगंज: रमजान के पवित्र महीने में जहां एक तरफ मई की चिलचिलाती गर्मी रोजेदारों का इम्तिहान ले रही है तो वहीं दूसरी तरफ कासगंज की 8 वर्षीय सबसे छोटी रोजेदार निशा मंसूरी पूरे रमजान रोजा रखने के संकल्प को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है. महीने भर तक चलने वाले रमजान में निशा अपने बीमार चाचा के ठीक होने के लिए इबादत करती है.
नन्ही रोजेदार: लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना निशा की
पाक महीना रमजान का तीसरा और आखिरी अशरा चल रहा है. वहीं दूसरी ओर गर्मी का कहर जारी है. ऐसे में रोजेदारों के लिए मुश्किलें पेश आ रही हैं. इसके इतर कासगंज की एक 8 साल की रोजेदार सबके लिए मिसाल बन रही है. उसने पूरे महीने रोजा रखने का फैसला किया है. वह रोजा अपने बीमार चाचा की सेहत के लिए रख रही है.
कासगंज जनपद की पटियाली की रहने वाली कक्षा 2 की छात्रा निशा मंसूरी महज 8 वर्ष की है और उसने पूरे रमज़ान रोजा रखने का संकल्प लिया है. निशा कहती है कि रोजा हमारे इस्लाम में जरूरी है. हम अल्लाह को खुश करने के लिए रोजा रखते हैं. 8 वर्षीय नन्ही रोजेदार को इस भीषण गर्मी में भी भूख प्यास नहीं सताती है.
निशा सुबह 3 बजे उठकर रोजे के नियमों के मुताबिक सहरी करती है. उस समय वह खाने में दूध, बिस्किट आदि लेतीं हैं उसके बाद फजर की नमाज के साथ ही उनका रोजा शुरू हो जाता है. शाम सात बजे निशा रोजा खोलती है और इफ्तार के समय शाम को वह अपने चाचा के ठीक होने की दुआ करती है.