उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / briefs

मेरठ: इस बार ईद पर करीब 50 करोड़ से अधिक का कारोबार होगा प्रभावित - लाॉकडाउन में ईद का त्योहार

कोरोना महामारी को लेकर देशभर में लॉकडाउन-4 जारी है. इसी बीच ईद के त्योहार पर मेरठ शहर के सभी दुकान बंद रहने के चलते करीब 50 करोड़ रुपये का कारोबार घाटे में है. ईद के मौके पर व्यवसायियों को बड़ा झटका लगा है.

etv bharat
meerut news

By

Published : May 22, 2020, 5:29 PM IST

मेरठ: ऐसा पहली बार होगा जब ईद पर मेरठ शहर के बाजारों में रौनक नहीं होगी. कोराना महामारी के चलते जिले का नगरीय और कैंट एरिया अभी भी कंटेनमेंट जोन में है. जिला प्रशासन ने लॉकडाउन-4 में भी बाजार खोलने की छूट नहीं दी है. ऐसे में ईद पर शहर के बाजार बंद रहने से करीब 50 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा.

कपड़ों की सबसे अधिक होती है खरीदारी
ईद को लेकर जिले में रेडीमेड गारमेंट का बाजार पहले से ही तैयार हो जाता था, लेकिन इस बार मार्च में ही लॉकडाउन लागू हो जाने से दुकानदार निराश हो गए हैं. शहर के मुख्य बाजार भी कंटेनमेंट जोन में हैं, जिसके चलते दुकानें अभी भी बंद हैं. हालां​कि शहर के सदर बाजार के व्यापारी प्रशासन से अनुमति लेने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन संभावना कम ही दिख रही है.

50 करोड़ से अधिक की होती है ईद पर खरीदारी
मोदीपुरम निवासी दुकानदार राजीव का कहना है कि इस बार ईद पर खरीदारी न होने से सभी दुकानदारों को नुकसान होगा. चूड़ियां और कॉस्मेटिक का सामान भी ईद पर बड़ी तादाद में बिकता है, लेकिन इस बार दुकान बंद होने से लोग खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, लालकुर्ती निवासी अफजाल का कहना है कि उनकी रेडीमेड कपड़ों की दुकान है, मार्च में ही लॉकडाउन लगने से पहले नए डिजाइन के लेडीज सूट ऑर्डर किए गए थे, लेकिन अभी तक दुकान खोलने की अनुमति नहीं मिली है, ऐसे में दुकान के अंदर रखा सामान भी खराब हो रहा है. दुकानदारों ने बताया कि ईद पर शहर में 50 करोड़ से भी अधिक की खरीदारी होती है.

देहात की तर्ज पर बाजार खोलने की मांग
शहर के दुकानदारों का कहना है कि जिस तरह से जिला प्रशासन ने देहात के कई इलाकों में बाजार खोलने की छूट दी है, उसी तर्ज पर शहरी क्षेत्र के बाजारों को भी छूट दी जाए. ऐसा होने पर व्यापारी कुछ ​सामान बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं. दो महीने से खाली बैठे छोटे-मोटे दुकानदारों के सामने अब रोजी-रोटी की संकट आन पड़ी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details