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सोनभद्र: चेयरमैन की मनमानी से परेशान सभासदों ने दी इस्तीफे की धमकी - memorandum submitted to dm

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 15 सभासदों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. इसके बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर चेयरमैन की मनमानी और भ्रष्टाचार की शिकायत की. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी नहीं सुनी जाएगी तो वे सभी इस्तीफा दे देंगे.

15 सभासदों ने दी इस्तीफे की धमकी
15 सभासदों ने दी इस्तीफे की धमकी

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Published : Sep 5, 2020, 6:39 PM IST

सोनभद्र: जिले के पिपरी नगर पंचायत के सभी 15 सभासद रविवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा देने एक साथ जिलाधिकारी कार्यालय रॉबर्ट्सगंज पहुंचे. सभासदों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर चेयरमैन की मनमानी और भ्रष्टाचार की शिकायत की और साथ ही साथ अपने इस्तीफे की पेशकश भी की. सभासदों का आरोप था कि नगर पंचायत अध्यक्ष मनमानी पर उतारू हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. चेयरमैन उनके सुझाए गए विकास कार्यों को नहीं कराते हैं और उनके प्रस्ताव निरस्त कर दिए जाते हैं. इसी बात को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत की है और धमकी दी कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो सामूहिक इस्तीफा भी सौंप देंगे.

सभी 15 सभासदों ने चेयरमैन पर मनमाने तरीके से कार्य करने, विकास कार्यों में सरकारी धन का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया. जिला अधिकारी को पत्र सौंपकर उन्होंने कहा कि बोर्ड मीटिंग में लिए गए निर्णय का सम्मान चेयरमैन नहीं करते हैं और मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चेयरमैन अपने वोट बैंक के लिए कार्य करते हैं और विकास कार्यों को मनमाने तरीके से काम कराते हैं. ठेकेदारों की मिलीभगत से विकास कार्य कराए जा रहे हैं. इनमें जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. सभासदों ने अपने हस्ताक्षर युक्त पत्रक को जिलाधिकारी को सौंपा और धमकी दी कि अगर उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो वह सामूहिक रूप से सभी सभासद अपना इस्तीफा सौंप देंगे.

वहीं, दूसरी तरफ पिपरी नगर पंचायत अध्यक्ष के चेयरमैन का कहना है कि सभी सभासद मिलकर अनर्गल कार्यों को जबरन पास कराने का कार्य करते हैं. जैसे बीते दिनों 24 लाख की लागत से ठेके पर नालियों की साफ-सफाई का कार्य कराने का दबाव उन्होंने बनाया, जिसे निरस्त कर दिया गया. इसके बाद 40 लाख की लागत से नगर में डस्टबिन रखने के कार्य का प्रस्ताव बनाया जिसे जिलाधिकारी ने इन प्रस्तावों के पीछे की मंशा को समझ कर प्रस्तावों को निरस्त कर दिया. इससे सभी 15 सभासद भड़क गए और उनकी शिकायत लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. उनके अतिशय सक्रिय रहने और जनता की समस्याओं का समाधान सीधे कर देने के कारण इन सभासदों को परेशानी होती है.

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