स्वतंत्रता सेनानी जो आज भी आंखों में संजोए हुए हैं गुलामी के वो दिन...
दशकों बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली थी. देशवासियों को आजाद फिजा मुहैया कराने के लिए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया. देश के खातिर लड़ाई लड़ने में अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया. उनकी कोशिशों से ही आखिरकार हम लोगों को आजादी मिली. देश अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस दौरान कुछ आंखें ऐसी भी हैं, जो आज भी देश के लिए बेशकीमती हैं. वे हैं उन चंद स्वतंत्रता सेनानियों में से बचे हुए लोग. जो आज भी गुलामी से लेकर स्वतंत्रता मिलने तक की बातों के अपने आप में संजाए हुए हैं. आप और हम तो केवल यह कल्पना कर सकते हैं कि गुलामी के दिन कैसे थे. लेकिन यह स्वतंत्रता सेनानी ऐसे हैं, जिन्होंने ब्रिटिश और उनके नीचे काम करने वाले चंद जमींदारों से जमकर लोहा लिए थे स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी.