Holi in Dungarpur : दहकते अंगारों पर चले ग्रामीण, वर्षों से चली आ रही यह 'खास' परंपरा
डूंगरपुर. होली के दूसरे दिन आज मंगलवार को कोकापूर गांव में दहकते अंगारों पर चलने की परंपरा निभाई गई. ढोल-कुंडी की थाप पर युवा से लेकर बुजुर्ग तक, होली के जयकारे लगाते हुए धधकते अंगारों पर चले. गांव के लोगों ने निरोगी रहने और खुशहाली की मंगल कामना की. बता दें कि होली को लेकर आदिवासी अंचल डूंगरपुर में कई परंपराएं निभाई गईं. इसमें सबसे अनोखी परपंरा कोकापुर में होली के दहकते अंगारों पर चलने की है.
100 सालों से ज्यादा समय से चली आ रही आ रही इस परंपरा के तहत होली के दूसरे दिन सुबह होते ही लोग गांव के होलिका चौक पर इकट्ठे हुए. ढोल और कुंडी की थाप पर लोगों ने जमकर गैर खेली. गांव के हनुमानजी मंदिर और शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की. देव दर्शनों के बाद गांव के लोग होली खेलते हुए होलिका दहन वाली जगह पीपीआर पहुंचे, जहां होली के जलते अंगारे दहक रहे थे. गांव के बड़े, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी ने पहले होलिका की पूजा की.
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होलिका की पवित्र अग्नि में श्रीफल भेंट किया और फिर होली के जयकारे लगाते हुए सभी लोग धधकते अंगारों पर नंगे पैर चले. गांव में 20 साल के युवा से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक, जब धधकते अंगारों से गुजरे तो लोगों ने गांव में निरोगी और खुशहाली को लेकर मंगल कामना की. इस अनूठी परंपरा को देखने कोकापुर समेत आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए. गांव की नीरा देवी कलाल बताती हैं कि होली के दहकते अंगारों पर चलने की ये परंपरा कई सालों से निभा रहे हैं. इससे गांव में कोई विपदा नहीं आती है.