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मेवाड़ की दोनों विधानसभा सीटों पर कल होगा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला, इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट उपचुनाव मतगणना कल यानी 2 नवंबर को होगी. वोटों की काउंटिंग के बाद उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. साथ ही भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के कई नेताओं का भविष्य भी इस परिणाम से तय होगा.

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वल्लभनगर धरियावद विधानसभा उपचुनाव मतगणना

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Published : Nov 1, 2021, 5:28 PM IST

उदयपुर.मेवाड़ की वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट उपचुनाव की मतगणना मंगलवार को यानी 2 नवंबर को होगी. ऐसे में मतगणना को लेकर निर्वाचन विभाग की ओर से सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. सबकी निगाहें इन दोनों विधानसभा सीटों के परिणामों पर टिकी हुई हैं. क्योंकि यहां बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. हालांकि, रिजल्ट से पहले ही सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है. लेकिन जनता जनार्दन ने किसके पक्ष में फैसला दिया है, यह तो कल ही पता चल पाएगा. ये परिणाम कई राजनेताओं के लिए साख का सवाल बने हुए हैं. यही वजह है कि सभी पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी.

वल्लभनगर विधानसभा सीट

मेवाड़ की सबसे हॉट सीट में एक वल्लभनगर विधानसभा सीट है. यहां उपचुनाव में इस बार चतुष्कोण मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां से भाजपा, कांग्रेस और जनता सेना के अलावा आरएलपी भी मैदान में है. कांग्रेस ने यहां से प्रीति शक्तावत को मैदान में उतारा था. प्रीति, गुलाब सिंह शक्तावत की पुत्रवधू हैं, जो यहां से कई बार विधायक रहे. प्रीति, गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी हैं, जो यहां से एमएलए रहे हैं. वहीं भाजपा ने एक युवा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा था. पार्टी ने अपने पूर्व उम्मीदवार उदय लाल डांगी का टिकट काट दिया था. इससे खफा होकर डांगी ने आरएलपी का दामन थामा. वहीं जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर भी मैदान में हैं. इनके साथ ही कुल 9 उम्मीदवार वल्लभनगर से अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

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भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर...

वल्लभनगर में कांग्रेस के चुनाव की कमान जिला प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने संभाल रखी थी, तो वहीं भाजपा की उम्मीदवार हिम्मत सिंह झाला को टिकट दिलवाने से लेकर पूरे चुनाव की कमान चित्तौड़ सांसद सीपी जोशी ने संभाली. ऐसे में इन दोनों नेताओं की साख प्रमुखता से दांव पर है. वहीं आरएलपी पार्टी की कमान हनुमान बेनीवाल ने संभाल रखी थी. वहीं जनता सेना की कमान रणधीर सिंह भिंडर जो स्वयं उम्मीदवार भी हैं और पार्टी के कर्ता-धर्ता उन्होंने पूरी कमान संभाल रखी थी. ऐसे में इस चुनाव के परिणाम इन सभी नेताओं के राजनीतिक सियासत पर भी असर डालने वाले होंगे.

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धरियावद विधानसभा सीट की अगर बात करें तो इस बार यहां बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. यह भाजपा का गढ़ माना जाता था, लेकिन इस बार ना भाजपा अनुमान लगा पा रही है न ही कांग्रेस. अपनी-अपनी जीत का दावा जरूर पार्टियां कर रही हैं. बीटीपी ने इस उपचुनाव समीकरण को बिगाड़ने का काम किया है. यहां से भाजपा उम्मीदवार खेत सिंह और कांग्रेस का उम्मीदवार नगराज मीणा के बीच में मुकाबला है. हालांकि नगराज इससे पहले भी चुनाव हार चुके हैं. ऐसे में उनके लिए चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है.

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इन नेताओं की धरियावद से प्रतिष्ठा दांव पर...

धरियावद विधानसभा सीट पर कांग्रेस की कमान जहां सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, मंत्री अशोक चांदना और अन्य नेताओं ने संभाल रखी थी, तो वहीं भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने डेरा डाला हुआ था. ऐसे में चुनाव के जो भी परिणाम निकल कर आएंगे, इन नेताओं की सियासत पर भी असर डालने वाले होंगे. ऐसे में इन दोनों ही विधानसभा सीट के चुनाव परिणाम से 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी एक संदेश जाएगा. कहा जाता है कि जिसने मेवाड़ को जीता, उसने राजस्थान को फतह किया. सत्ता का रास्ता मेवाड़ से होकर गुजरता है.

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