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दीवाली के अगले दिन श्रीनाथजी मंदिर में नहीं मनेगा अन्नकूट पर्व, वजह सूर्य ग्रहण

दिवाली (Deepawali 2022) के अगले दिन यानी 25 अक्‍टूबर को सूर्य ग्रहण लगेगा. इस वजह से दीपावली के एक दिन बाद मनने वाले सभी त्योहार उसके अगले दिन मनेगें. इस वर्ष दीपावली 24 अक्तूबर को है, लेकिन सूर्यग्रहण 25 को रहने के कारण गोवर्धन पूजा और अन्नकूट 26 को मनायी जाएगी. वहीं उदयपुर स्थित भगवान श्रीनाथ जी मंदिर में 2 नवंबर की तारीख तय की गई है.

Udaipur Srinathji Mandir
दीवाली पर सज गया श्रीनाथ जी मंदिर

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Published : Oct 21, 2022, 9:34 AM IST

उदयपुर.पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी के मंदिर में भी दिवाली की तैयारियां जोरों शोरों से जारी है. हालांकि इस बार दिवाली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण होने के कारण अन्नकूट महोत्सव दूसरे दिन नहीं मनेगा (Srinathji Mandir postpones Annakoot Mahotsav). 2 नवंबर को इसकी तिथि तय की गई है. कोरोना के कारण पिछले 2 साल दिवाली सूनी रही, लेकिन इस बार तैयारी पूरी है. माना जा रहा है कि इस बार लाखों की संख्या में वैष्णव जन श्रीनाथजी के दरबार में पहुंचेंगे.

इस बार नवमी पर अन्नकूट महोत्सव और गौ क्रीड़ा: श्रीनाथ जी मन्दिर में इस बार अन्नकूट महोत्सव ओर गौ क्रीड़ा का आयोजन कार्तिक नवमी पर किया जाएगा. हर साल अन्नकूट महोत्सव ओर गौ क्रीड़ा का आयोजन दीपावली के दूसरे दिन किया जाता है. लेकिन इस साल ग्रहण के कारण नवमी (2 नवम्बर) के दिन इसका आयोजन होगा. गौ माताजी श्रीनाथ जी मन्दिर पधारेंगी इसके बाद तिलकायत परिवार कान जगाई की रस्म निभाएगा.

आदिवासी समाज लूटता है भोग

गोवर्द्धन पूजन के बाद गै माताओं को ग्वाल बाल रिझाएंगे. इसके बाद शाम को श्रीजी प्रभु के सम्मुख अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा. दर्शनार्थी श्रीजी प्रभु और अन्नकूट के दर्शन करेंगे. इसके बाद मध्यरात्रि में आदिवासी समाज के लोग अन्नकूट लूटेंगे.

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350 साल पुरानी परंपरा: श्रीनाथजी मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की परम्परा 350 साल पुरानी है. अन्नकूट के अवसर पर प्रभु श्रीनाथजी, विट्ठलनाथजी और लालन को छप्पन भोग लगाया जाता है. जिसे श्रीजी सन्मुख से आदिवासी समुदाय के लोग भोग लूट ले जाते हैं. आदिवासी भोग के चावल का उपयोग अपने सगे संबंधियों में बांटने और औषधि के रूप में करते हैं. इस चावल को वे अपने घर में रखते हैं. मान्यता है, कि इससे उनके घर में धनधान्य बना रहता है और कष्टों से मुक्ति मिलती है.

अन्नकूट क्या?:विभिन्न प्रकार यानी अलग-अलग तरह की सब्जियों और अन्न के समूह को अन्नकूट कहा जाता है.अपने सामर्थ्य के मुताबिक इस दिन लोग अलग-अलग प्रकार की सब्जियों को मिलाकर एक विशेष प्रकार की मिक्स सब्जी तैयार करते हैं और इसे भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाते हैं.इसके अलावा तरह-तरह के अन्न के पकवान बनाए और श्रीकृष्ण को चढ़ाए जाते हैं.

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गोवर्धन पूजा पर श्रीनाथजी का विशेष महत्व:दिवाली बाद गोवर्धन पूजा का प्रभु श्रीनाथजी के मंदिर में विशेष महत्व है (Govardhan Puja 2022). नाथद्वारा में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव और गोवर्धन पूजा का उत्सव मनाया जाता है. सदियों से देखा जा रहा है कि गौ क्रीड़ा के दौरान ग्वाल बाल गायों को रिझाते रहे हैं. गौमाता भी ग्वाल बाल को अपने पुत्र समान समझकर उनके साथ खेलती हैं. ये भी कम आश्चर्य की बात नहीं कि अब तक के इतिहास में सैकड़ों लोगों की भीड़ के बीच होने वाले इस खेल में किसी दर्शक को आज तक चोट नहीं लगी . आस्थावान मानते हैं कि गौ माता सभी लोगों को पुत्र समान समझकर वात्सल्य स्वरूप उनके साथ खेलती हैं लेकिन उन्हें चोट नहीं पहुंचातीं.

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