उदयपुर.शहर में गुरुवार से चार दिवसीय भाषा और कला का मेला शुरू होगा. सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में ऐतिहासिक नाटक प्रणवीर प्रताप के मंचन के साथ ही साहित्य व कलाओं के चार दिवसीय महाकुंभ 'मेला' (मर्जिंग एलिमेंट्स ऑफ लेंग्वेज एंड लिटरेचर) का शुभारम्भ होगा. अगले तीन दिन राजस्थानी, उर्दू व हिंदी भाषाओं पर आधारित विभिन्न सत्र आयोजित होंगे. मौलिक संस्था और मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से स्थानीय प्रतिभाओं व साहित्य-कला रसिकों को देशभर की ख्यातनाम हस्तियों से रूबरू करवाने के उद्देश्य से 23 से 26 मार्च तक यह आयोजन होगा.
मौलिक संस्थान के संस्थापक शिवराज सोनवाल ने बताया कि उदयपुर में पहली बार तीन भाषाओं पर आधारित कार्यक्रम आयोजित होगा. इन भाषाओं को लिखने, पढ़ने व बोलने वालों के लिए सुनहरा अवसर होगा कि वे ख्यातिलब्ध साहित्यकारों के अनुभव सुन सकेंगें, मिल सकेंगे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकेंगे. साथ ही ड्रामा, संगीत, डांस, शिल्पकारी एवं चित्रकारी आदि कलाओं पर आधारित कार्यक्रम कला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र होंगे. सभी सत्रों व कार्यक्रमों में प्रवेश निशुल्क है.
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ये हस्तियां करेंगी शिरकत: मेला निदेशक कपिल पालीवाल ने बताया कि भाषाओं पर आधारित सभी सत्र सुखाड़िया विश्वविद्यालय के बप्पा रावल सभागार में आयोजित होंगे. 24 मार्च का दिन राजस्थानी भाषा को समर्पित रहेगा. इस दिन तीन सत्रों में मायड़ भाषा के महत्व, पहचान और साहित्य पर विमर्श होगा. साथ ही राजस्थानी कविताओं के सत्र में वरिष्ठ एवं नवोदित कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे. नई पीढ़ी के कलाकार संगीत पर मेवाड़ी में रैप व पॉप गायन का अनूठा प्रयोग करेंगे. इस दिन डॉ अर्जुन देव चारण, डॉ आईदान सिंह भाटी, मधु आचार्य ‘आशावादी’ पुरूषोत्तम पल्लव, प्रमोद शर्मा, डॉ सुरेश सालवी, राजवीर सिंह चलकोई, हरीश बी शर्मा जैसे नामचीन साहित्यकारों का सानिध्य मिलेगा.