फिरोज खान ने लिक्विड ग्लास आर्ट पर हासिल की महारत उदयपुर.कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते पूरी दुनिया में कई लोगों के बिजनेस ठप पड़ गए थे और घर पर रहना उनकी मजबूरी बन गई. इन्हीं में शामिलथे उदयपुर के व्यवसाई फिरोज खान, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान यूट्यूब से एक नई कला सीखकर स्टार्टअप शुरू किया. आज फिरोज की इस कला के मुरीद देश ही नहीं विदेशों में भी हैं. ये कला है एपॉक्सी रेजिन-लिक्विड ग्लास आर्ट, जिसके जरिए फिरोज दीवार घड़ी, डाइनिंग टेबल सहित भगवान की तस्वीरें तक बना रहे हैं.
यूट्यूब से सीख कर खड़ा किया स्टार्टअप :फिरोज खान ने लॉकडाउन के दौरान यूट्यूब से एपॉक्सी रेजिन-लिक्विड ग्लास आर्ट के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. काफी समय तक यूट्यूब पर सीखने के बाद इसकी अलग-अलग टेक्निक सीखने के लिए उन्होंने खुद काम करना शुरू किया. इसके लिए मटेरियल गुजरात से मंगवाकर फिरोज घर पर ही अलग-अलग एपॉक्सी रेजिन आर्ट बनाने लगे. शुरुआत में उन्हें इस काम में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. आज उन्होंने इस काम में महारत हासिल कर ली है. अब उनके बनाए गए प्रोडक्ट की डिमांड न सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका और अन्य देशों में भी है.
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एपॉक्सी रेजिन आर्ट से बनाते हैं यह सब :फिरोज खान ने बताया कि वो डायरीज, दीवार घड़ी, टेबल, डिनर टेबल, किचन आइटम, नेम प्लेट, भगवान की तस्वीरें और अन्य बड़े घर के दरवाजे, किचन की खिड़कियां सहित कई छोटे-बड़े आइटम बनाते हैं. छोटे आइटम्स को बनाने में 8 से 10 दिन लगते हैं, जबकि बड़े आइटम्स को बनाने में 15 से 20 दिन तक लग जाते हैं. इनको बनाने के लिए विशेष सिलिकॉन मोल्ड होती है, जिसमें किसी भी प्रकार के मेटेरियल का इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कॉफी बींस, पेंसिल और लकड़ी. इसके अलावा अन्य आर्ट मेटेरियल को उपयोग करते हुए रेजिन के साथ में बनाया जा सकता है. इसमें मनचाहा कलर और डिजाइन दिया जाता है, जिसको विशेष तकनीक से घिसाई करने के बाद पॉलिश किया जाता है. इसके बाद यह तैयार होता है, जिसे स्पेशल बॉक्स में पैक करके विदेशों में भेजा जाता है.
अलग-अलग कलर से तैयार होता है :उन्होंने बताया कि एपॉक्सी रेजिन आर्ट से अलग-अलग कलर के माध्यम से कोई भी चीज तैयार की जा सकती है. इसे अलग-अलग डिजाइन और आकार दिया जा सकता है. आर्टिकल को विशेष तकनीक और रूम टेंपरेचर पर तैयार किया जाता है. यह सभी चीजें 100% हैंडमेड होती हैं, जिसके कारण इसकी विदेशों में भी विशेष डिमांड रहती है. उन्होंने दावा किया कि इसकी खासियत है कि आइटम्स में मौसम परिवर्तन के साथ किसी तरह की दीमक या खराब होने की संभावना बहुत कम होती है. यह पूरी तरह से वाटरप्रूफ होता है, जिस कारण लोग इसे अपने बेडरूम, किचन और ऑफिस में सजावट के लिए इस्तेमाल करते हैं.
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माता-पिता का रहा बड़ा सहयोग :फिरोज खान ने बताया कि उनका पारिवारिक व्यवसाय मार्बल से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कोरोना के दौरान इस स्टार्टअप के बारे में सोचा. हालांकि उन्हें शुरुआत में इसे सीखने में कई समस्याएं भी आईं, जिसके लिए उन्होंने कई लोगों से सहयोग लिया.लेकिन उनके माता-पिता ने उनके इस काम में बड़ा सहयोग किया.फिरोज ने अपने द्वारा बनाए गए आर्टिकल्स को विदेशों में सेल करने के लिए जयपुर में एक विशेष ट्रेनिंग भी ली. इसी की मार्फत है.कि आज उनके द्वारा बनाए गए आर्टिकल अमेरिका, यूके, इटली, फ्रांस, अन्य देशों में अन्य देशों में ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए लोग खरीदते हैं.
टेबल जिनमें कॉफी बीन्स का किया गया है इस्तेमाल आर्टिकल्स की कीमत :उन्होंने बताया कि भारत में 500 से लेकर 5000 के आर्टिकल बिकते हैं, जबकि विदेशों में इनकी डॉलर में रेट 3000 से लेकर 25000 तक जाती है. बड़े आर्टिकल्स बनाने और उन्हें तैयार करने में इसकी रेट में परिवर्तन आता है. अब एक साल में उन्हें लाखों की आमदनी होती है. उन्होंने कहा कि युवा आज के दौर में इस तरह के स्टार्टअप को सीखकर आगे बढ़ सकते हैं. ऐसे में ई-कॉमर्स के जरिए घर बैठे खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार भी सहयोग करती हैं.