उदयपुर.उदयपुर मेंअसम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रकृति और पूर्वजों ने मेवाड़ को बहुत कुछ दिया है. अगर हम उसे ही संभाल लें तो उदयपुर प्राकृतिक सौंदर्य, जैव विविधता और हेरिटेज के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा डेस्टिनेशन बन जाएगा.
दरअसल, कटारिया रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर स्थित बप्पा रावल सभागार में उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रकृति ने पहाड़ियां, हरियाली, नदी-तालाब दिए, पूर्वजों ने पीढ़ियों की सोच रखते हुए हर गांव में जलाशयों का निर्माण कराया. राजसमंद और जयसमंद झील तत्कालीन शासकों की पीढ़ी-दर-पीढ़ी जल आवश्यकता को लेकर रखी गई दूरदृष्टि का उदाहरण है. प्राकृतिक समृद्धता के कारण ही यहां जैव विविधता भी है. हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी यहां आते हैं. उन्होंने कहा कि मेनार वासियों को प्रकृति और पक्षियों से प्रेम बहुत पहले से रहा है, तभी तो मेनार पक्षी विलेज के रूप में विश्व में ख्याति प्राप्त कर चुका है.
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संसार और पर्यावरण के प्रति जुड़ाव बढ़ा :कटारिया ने कहा कि इन विरासतों को संरक्षित करने के लिए युवा पीढ़ी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, जब तक युवा इनका महत्व नहीं समझेंगे, इन्हें बचाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि उदयपुर बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजन और उनसे युवाओं का जुड़ाव सुखद भविष्य का परिचायक है. मुख्य वन संरक्षक आरके जैन ने उदयपुर बर्ड फेस्टिवल प्रारंभ होने से लेकर इस वर्ष आयोजित उसके 10वें संस्करण तक की यात्रा की संक्षिप्त जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आयोजन से आमजन की पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है और उनके संरक्षण में मदद मिल रही है. बच्चों और युवाओं का पक्षियों के सुंदर संसार और पर्यावरण के प्रति जुड़ाव बढ़ा है.