राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

जानकारी को ज्ञान में तब्दील करने से ही विकसित होगी नेतृत्व क्षमता - ओम बिरला - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

उदयपुर में शुरू हुए दो दिवसीय लीडरशिप कॉनक्लेव-2023 में लोकसभा (Leadership Conclave 2023) अध्यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भाग लिया. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जानकारी और ज्ञान में अंतर होता है.

Leadership Conclave 2023,  Leadership Conclave 2023 begins in Udaipur
जानकारी को ज्ञान में तब्दील करने से ही विकसित होगी नेतृत्व क्षमता.

By

Published : Jul 11, 2023, 9:46 PM IST

उदयपुर.मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग के मास्टर ऑफ ह्यूमन रिसोर्सेज मैनेजमेंट के तत्वावधान में दो दिवसीय "लीडरशिप कॉनक्लेव-2023" मंगलवार को विवेकानंद सभागार में शुरू हुआ. पहले दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने विद्यार्थियों को लोकतंत्र का अर्थ समझाते हुए नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए जरूरी विविध पक्षों पर प्रकाश डाला.

लोकसभा बिरला ने कहा कि जानकारी और ज्ञान में अंतर होता है. जानकारी से नेतृत्व नहीं बनता, केवल सूचना प्राप्त होती है, बल्कि ज्ञान हमें अनुभव की ओर प्रवृत्त करता है और नेतृत्वशील बनाता है. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी उन्नति के साथ ही जानकारियों का दायरा तो बढा रहा है, लेकिन इसका सही सदुपयोग ही नौजवानों को नई दिशा दे पाएगा. आज जानकारी को ज्ञान में तब्दील करना जरूरी है.

भारत के मूल स्वभाव को साथ लेकर चलेंः बिरला ने कहा कि भारत के मूल स्वभाव को साथ लेकर चलना जरूरी है, जिसमें ज्ञान, संस्कृति, इतिहास, चिंतन आदि का समावेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेतृत्व कोई एक दिन में बनने की चीज नहीं होती, बल्कि वह हर क्षण, हर पल और हर दिन दैनिक जीवन के निर्णय से बाहर निकल कर आता है. आजादी के आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने शहीदों को याद किया. वहीं, महाराणा प्रताप की नेतृत्व क्षमता का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया भर में महाराणा प्रताप को आदर और सम्मान की दृष्टि से याद किया जाता है. यह उनकी नेतृत्व क्षमता ही थी जो उनको पूरी दुनिया में पहचान दिलाती है. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि परस्पर संवाद, संवेदना और सहयोग से ही नए भारत का निर्माण होगा. अंतिम व्यक्ति तक के सहयोग से ही परिवर्तन की परिकल्पना बन पाएगी.

पढ़ेंः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे उदयपुर, इन कार्यक्रमों में लेंगे भाग

औसत सदन 20-25 दिन ही चल पाते हैंः कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने कहा कि बहुत चिंता का विषय है कि केरल को छोड़कर पूरे देश में औसत सदन 20-25 दिन ही चल पाते हैं. सब लोग अपेक्षा करते हैं कि हम नीतियां बनाएं, क्वालिटी ऑफ गवर्नेन्स की बात करें, लेकिन संसदीय लोकतंत्र में यदि हाउस पूरे दिन नहीं चलेगा तो यह कैसे तय हो पाएगा कि हम गुणवत्ता पूर्ण लोकतंत्र की कल्पना को साकार करने में समर्थ होंगे.

राजनीतिक दलों को सोचना होगाःउन्होंने कहा कि आगे की चुनौतियों को समझना बहुत जरूरी है, भविष्य कैसा होगा, इसके लिए राजनीतिक दलों को बहुत चिंतन करना होगा. अगर इन चुनौतियों को हम आज नहीं समझ पाए तो दुनिया के सामने खड़े नहीं रह पाएंगे. उन्होंने कहा कि नेतृत्व को समझने के लिए हमें भारतीय परंपराओं में चुनावों को समझना होगा. उन्होंने इसे सेमी पार्लियामेंट्री सिस्टम बताया और सवाल किया कि क्या कारण है कि भारत में संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री के चेहरे के साथ तो वोट मिल जाते हैं. जनता उनके वोटों का पिटारा खोल देती है, लेकिन वहीं दूसरी ओर यही वोट विधानसभा चुनाव में स्थानांतरित नहीं हो पाते. इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को सोचना होगा कि क्या कारण है कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के चेहरे पर वोट मिलते हैं, लेकिन वही वोट स्थायी रहने की बजाए फ्लोटिंग वोट में तब्दील हो जाते हैं.

पढ़ेंः Khelo India Cricket Tournament: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले, खेलों में बढ़ रहा है भारत का वर्चस्व

सभी राजनीतिक पार्टियों को इसका कारण समझना पड़ेगा. जोशी ने कहा कि विधान सभा का स्पीकर शपथ नहीं लेता, हालांकि वह बहुमत वाली पार्टी का विधायक होता है, लेकिन निष्पक्षता से हाउस चलाने की जिम्मेदारी उसके कंधों पर होती है. इसलिए स्पीकर को युवाओं का रोल मॉडल बनना होगा. उन्होंने युवाओं से कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे लिए नई चुनौतियां लेकर सामने खड़ी हुई है. आगे आने वाले समय में कई पेशे अप्रासंगिक हो जाएंगे. जोशी ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को यह समझना होगा कि किसी व्यक्ति को यदि चुनाव लड़कर सदन में पहुंचना है तो उसे किसी राजनीतिक दल के टिकट की दरकार होगी, लेकिन कोई स्वतंत्र व्यक्ति अगर चुनाव में खड़ा होता है तो उसके जीतने की संभावना कम होती है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे जनता को पॉलिटिकली एजुकेट करें. राजनीतिक शिक्षा बेहद जरूरी है ताकि लोकतंत्र सशक्त बन सके और हम भविष्य के अच्छे नेतृत्व की संकल्पना बना सकें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details