उदयपुर. दिवाली का पर्व नजदीक आने के साथ ही शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा (Sudh Ke Liye Yudh Abhiyan) रहा है. इस अभियान के माध्यम से मिठाई व अन्य खाद्य वस्तुओं के नमूनों की जांच की जा रही है. लेकिन उदयपुर संभाग में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान एक औपचारिकता मात्र नजर आ रहा है. उदयपुर संभाग के जिलों में फूड इंस्पेक्टर के अधिकांश पद रिक्त हैं. संभाग के 6 जिलों में 13 फूड इंस्पेक्टर के पद हैं. इनमें से फिलहाल चार फूड इंस्पेक्टर कार्य कर रहे हैं. हालांकि चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में तो फूड इंस्पेक्टर के पद ही खाली हैं. जहां दूसरे जिले के फूड इंस्पेक्टर को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. ऐसे में मिलावटी मिठाइयों और खाद्य वस्तुओं की जांच करना एक बड़ी चुनौती है.
उदयपुर संभाग के इन जिलों की स्थिति समझिए :चिकित्सा विभाग का शुद्ध के लिए युद्ध अभियान सिर्फ (Adulteration in Food items During Festive) कागजों में ही सिमटा हुआ नजर आ रहा है. कारण ये है कि उदयपुर संभाग में करीब 10,000 दुकानों पर सिर्फ 1 फूड इंस्पेक्टर कार्य कर रहा है. जिले में 3 फूड इंस्पेक्टर के पद हैं, इनमें से 2 पद लंबे समय से खाली पड़े हुए हैं. एक फूड इंस्पेक्टर दिन में तीन से चार सैंपल ले पाता है. ऐसे में फूड इंस्पेक्टर के लिए पूरे जिले को कवर करना किसी चुनौती से कम नहीं है.
ऐसे ही हालात अन्य जिलों में भी हैं :राजसमंद, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर में कुल 13 फूड इंस्पेक्टर के (Food Inspector in Udaipur Division) पद हैं. इनमें से फिलहाल 4 फूड इंस्पेक्टर कार्य कर रहे हैं. 9 फूड इंस्पेक्टर के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं. वहीं 2 जिलों में फूड इंस्पेक्टर को अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा दुकानों के सैंपल लेना मुश्किल हो जाता है.
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