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उदयपुर में धार्मिक यात्रा के नाम पर धोखाधड़ी, 3100 रुपए में 12 देवस्थान की यात्रा का दिया था प्रलोभन - People duped on the name of pilgrimmage in Udaipur

उदयपुर में धार्मिक यात्रा के नाम पर धोखाधड़ी का केस सामने आया है. साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट ने लोगों से 3100 रुपए में 12 देवस्थान की यात्रा कराने का वादा करके लोगों से पैसे लिए परंतु यात्रा के दिन सुविधाएं नदारद थी. फिलहाल पीड़ित लोग न्याय के लिए मंदिर और थाने के चक्कर लगा रहे हैं.

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Published : Jun 12, 2023, 11:51 AM IST

उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में धार्मिक यात्रा के नाम पर धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है. गर्मियों की छुट्टियों में धार्मिक यात्राओं के दौर जारी है. ऐसे में कई एजेंसी यहां सस्ते टूर पैकेज दे रही है.इसी बीच लोगो के साथ धार्मिक यात्रा के नाम पर धोखाधड़ी का मामले भी सामने आने लगे हैं. दरअसल हिरण मगरी थाना क्षेत्र के सेक्टर 6 साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट द्वारा 500 से ज्यादा लोगो को 3100 रुपए में 12 देवस्थान की यात्राएं करवाने का प्रलोभन दिया गया. इस यात्रा की बुकिंग पिछले 6 महीने से चल रही थी.

शनिवार रात जब यात्रा रवाना करने का समय आया तो प्रति यात्री 2000 रुपये और लेकर महज 4 बसें ही मौके पर बुलाई गई. करीब 5 घंटे इंतजार के बाद 2 बसें रवाना की गई. जिन्हें भी विवाद बढ़ने पर नाथद्वारा से वापस बुला लिया गया. अब यात्री खुद को ठगा सा महसूस करते हुए थाना और सेक्टर 6 साईं बाबा मंदिर के चक्कर लगा रहे हैं. इधर देर रात हंगामा होने के बाद उदयपुर पुलिस ने यात्रा व्यवस्थापिका तारा व्यास और मुस्कान टंडन को थाने में बुलाकर पुछताछ की. यात्रा करने जा रहे ज्यादातर लोग उदयपुर संभाग के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. थाना के मुख्य द्वार पर ग्रामीण परिवेश के रहने वाले लोगों ने बताया कि तारा व्यास ने आधा पैसा ट्रस्ट के जरिए देकर सस्ती धार्मिक यात्रा कराने का वादा किया था.

यै है पूरा मामला : ये धोखाधड़ी का मामला सेक्टर-6 स्थित साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट से जुड़ा है. ट्रस्ट के तीर्थयात्रा के आह्वान पर उदयपुर संभाग से करीब 700 लोगों ने यात्रा के लिए अपना पंजीकरण कराया था. प्रत्येक व्यक्ति से 3100 रुपए भी लिए गए थे. इस तरह ट्रस्ट ने यात्रियों से करीब 40 लाख रुपए इकट्ठा कर लिए थे. वहीं 10 जून की रात यात्रा पर ले जाना तय किया गया. तय समय पर लोग मंदिर पहुंचे, लेकिन यात्रा शुरू नहीं की गई. पता चला कि महज 4 बसों की व्यवस्था की गई थी, जबकि करीब 12 बसों का बंदोबस्त किया जाना था.

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