प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का जवाब उदयपुर. मेवाड़ दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राजस्थान की गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी हमले किए. इसके जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गृहमंत्री अमित शाह पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के प्रयास का आरोप लगाया है.
विपक्ष की बैठक के बाद से बौखलाए :डोटासरा ने कहा कि कन्हैयालाल के दोनों बेटों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई. जो सहायता उस परिवार को मिली राजस्थान के इतिहास में सबसे बड़ी सहायता थी. इससे परिवार भी पूरी तरह संतुष्ट था, लेकिन पुलिस से यह मामला एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया. इसमें भी कुछ हुआ नहीं, यह उनकी विफलता है कि अब तक कन्हैयालाल के हत्यारे फांसी के फंदे पर नहीं पहुंच पाए. डोटासरा ने आरोप लगाया कि अमित शाह अपनी गलती छुपाकर केवल धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते हैं. ये लोग बस विधानसभा चुनाव में राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं. अमित शाह विपक्ष की बैठक के बाद से बौखलाए हुए हैं, क्योंकि उन्हें पता चल चुका है कि जो हाल पंजाब, हिमाचल और कर्नाटक में भाजपा का हुआ, वही राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में होगा.
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भाजपा में भी है परिवारवाद : डोटासरा ने कहा कि अमित शाह कहते हैं कि अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन वह भूल गए कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने दोनों कार्यकाल में अपने बेटे दुष्यंत को मंत्री बनाना चाहती थीं. चाहे जेपी नड्डा हों या अमित शाह, सभी कहते हैं कि कांग्रेस परिवारवाद की पार्टी है. भाजपा यह बताएं कि येदुरप्पा (पूर्व मुख्यमंत्री, कर्नाटक) के बेटे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के विधायक बेटे पंकज सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सांसद बेटे, पूर्व मंत्री प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कौन हैं ?
पहले अपनी पार्टी के लोगों को ठीक करें : इन सब उदाहरण के बाद भाजपा यह कैसे कह सकती है कि यहां परिवारवाद नहीं होता. अगर अमित शाह यह घोषणा करें कि वह किसी परिवार के सदस्य को टिकट नहीं देंगे तो इसके बाद ही ऐसी बात उठानी चाहिए. उन्होंने मंच पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के वसुंधरा राजे की जगह अमित शाह को संबोधन के लिए बुलाने पर भी तंज कसा. उन्होंने आरोप लगाया कि राजेंद्र राठौड़ ने वसुंधरा राजे को निपटाने के लिए वसुंधरा राजे की स्पीच होने के बावजूद उनका नाम नहीं लिया. ऐसे में अमित शाह पहले अपनी पार्टी के लोगों को ठीक करें और उनकी पार्टी में जो गड़बड़ चल रही है उस पर ध्यान दें.
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मणिपुर जल रहा था, प्रधानमंत्री विदेश घूम रहे थे :डोटासरा ने कहा कि जब मणिपुर जल रहा था, उस समय प्रधानमंत्री विदेशों में घूम रहे थे. अमित शाह जो खुद गृहमंत्री हैं वह अपने बयानों से आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि अगर 370 के बाद सब कुछ ठीक हुआ है तो कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं करवाए गए? उन्होंने कहा कि अमित शाह भले ही कहें कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव 2024 के ट्रेलर होंगे, लेकिन अगर 2023 का ट्रेलर उल्टा हो गया तो 2024 में उनका क्या होगा, ये भी सोचें.
उन्होंने कहा कि केंद्र की गलत नीति है, जिसके कारण आज भी राजस्थान की झोली खाली है. ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) के लिए लोग बात रख रहे हैं, लेकिन केंद्र नहीं मान रहा. उन्होंने कहा कि जो केंद्र सरकार आदिवासी राष्ट्रपति बनाकर अपनी पीठ थपथपा रहा है, उसी आदिवासी राष्ट्रपति को नए लोक सभा भवन के कार्यक्रम में नहीं बुलाकर उनका अपमान किया. किसानों को 15 महीने परेशान किया. खिलाड़ियों की ओर नहीं देखा. उन्होंने आरोप लगाया कि जिनके गृह राज्य मंत्री का बेटा किसान की हत्या करता है, वह केंद्र सरकार किस मुंह से नैतिकता की बात कर सकती है?