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आदिवासी बेल्ट से आते हैं भजनलाल सरकार में मंत्री बने बाबूलाल खराड़ी, आज भी झोपड़ी में परिवार संग रहते हैं विधायक

Rajasthan Cabinet, राजस्थान में सीएम भजनलाल की टीम तैयार हो चुकी है. इसमें झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी को भी शामिल किया गया है. चौथी बार विधायक बने खराड़ी बेहद साधारण परिवार से आते हैं. वो अपने परिवार के साथ आज भी केलूपोश (झोपड़ी) के मकान में रहते हैं. पढ़िए कैसा रहा खराड़ी के मंत्री बनने का सफर...

बाबूलाल खराड़ी बने भजनलाल सरकार में मंत्री
बाबूलाल खराड़ी बने भजनलाल सरकार में मंत्री

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 30, 2023, 7:32 PM IST

Updated : Dec 30, 2023, 8:00 PM IST

बाबूलाल खराड़ी के गांव में खुशी का माहौल

उदयपुर.राजस्थान में मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है, जिसमें कुल 22 मंत्रियों ने शपथ ली. इनमें से 12 कैबिनेट, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 5 राज्य मंत्री शामिल हैं. झाड़ोल विधानसभा सीट से विधायक बाबूलाल खराड़ी ने भी भजनलाल सरकार में मंत्री परिषद की शपथ ली. झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी पूर्व में तीन बार विधायक रह चुके हैं और अभी चौथी बार जीत हासिल की है. मंत्री बनने के बाद उनके गांव में खुशी की लहर है.

झोपड़ी में सादगी के साथ जीवन बिता रहे : 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी तब भी झाड़ोल से भाजपा विधायक ने जीत हासिल कर क्षेत्र में और पार्टी में अपना वर्चस्व दिखाया था. बाबूलाल खराड़ी चार बार विधायक रहने के बावजूद एक केलूपोश (झोपड़ी) मकान में सादगी के साथ अपना जीवन बिता रहे हैं. पिछली बार कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद खराड़ी सर्वश्रेष्ठ विधायक का अवार्ड जीत चुके हैं. जनजाति बाहुल्य क्षेत्र से होने, चार बार विधायक रहने का अनुभव और साफ छवि होने के कारण वर्तमान भाजपा सरकार में खराड़ी जनजाति मंत्री बनने की कतार में पहले नंबर पर हैं.

पढ़ें. राजस्थान में भजनलाल मंत्रिमंडल का गठन, 12 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार व 5 राज्य राज्यमंत्री ने ली शपथ

संघ की शिक्षा होने के बाद वे आरएसएस के वनवासी कल्याण परिषद में सुपरवाइजर बना दिए गए. बाद में उनको आरएसएस के खंड कारवा यानी तहसील अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद खराड़ी को भाजयुमो का उस क्षेत्र का अध्यक्ष बना दिया. इसके बाद पार्टी ने बाबूलाल को आगे ही बढ़ाया. वे जिला परिषद सदस्य बने और बाद में कोटड़ा के प्रधान बने. छह बार भाजपा ने बाबूलाल को टिकट दिया, जिसनें वे चार बार जीते. एक चुनाव में उनको कुबेर सिंह ने तो दूसरे में हीरालाल दरांगी ने हराया था.

सर्वश्रेष्ठ विधायक रहे :बाबूलाल खराड़ी का राजस्थान विधानसभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में चयन किया गया था. सर्वश्रेष्ठ विधायक के चयन के लिए गठित समिति की बैठक में 15वीं विधानसभा की अवधि में दो विधायकों को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया. इनमें एक उदयपुर के झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी भी थे. बता दें कि खराड़ी उदयपुर जिले के दूरदराज आदिवासी बेल्ट झाड़ोल से आते हैं. वे इस समय तीसरी बार यहां से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वे इससे पहले 12वीं और 13वीं विधानसभा में भी जीत कर गए थे. हायर सेकेंडरी पास विधायक खराड़ी मूलतः किसान हैं. वे कोटड़ा के उपला थला में रहते हैं.

बाबूलाल खराड़ी के लिए सतीश पूनिया बने थे रिपोर्टर :हाल ही मेंभाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भजनलाल सरकार में मंत्री बनाए गए बाबूलाल खराड़ी के घर पहुंचे थे. यहां उन्होंने एक रिपोर्टर के रूप में उनकी सरलता और सादगी को दर्शाया था. विधायक एक केलूपोश (झोपड़ी) मकान में रहते हैं. चार बार विधायक बनने के बाद भी आज भी सादगी से अपना जीवन जी रहे हैं. इस दौरान सतीश पूनिया ने बाबूलाल खराड़ी से उनके जीवन को लेकर बातचीत भी की थी.

सतिश पूनिया बने थे रिपोर्टर...

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खराड़ी का बिल्कुल साधारण जीवन :भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए बाबूलाल खराड़ी झाड़ोल विधानसभा सीट से पहले मंत्री बने हैं. इसकी खुशी आदिवासी इलाकों में हर परिवार में देखने को मिल रही है. चार बार के विधायक बाबूलाल संघ में अपनी काफी पकड़ रखते हैं. खराड़ी कोटड़ा से करीब 3 किलोमीटर दूर नीचला फला में रहते हैं. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. बाबूलाल खुद खेती करते हैं और उनका परिवार खेती पर ही आश्रित है. उनके पास एक ट्रैक्टर और एक स्क्रॉर्पियो कार है.

बाबूलाल को मिला कड़ी परिश्रम का फल :बाबूलाल खराड़ी ने आदिवासी इलाकों में काफी संघर्ष किया है. शुरुआत से ही संघ से जुड़े रहने के बाद भाजपा ने उन्हें विधायक बनने का मौका दिया. वो विधानसभा चुनाव में 4 बार जीते हैं. इससे पहले कभी भी उन्होंने किसी पद पर दावेदारी नहीं की, जिसका फल है कि पार्टी ने उसको कैबिनेट मंत्री बनाया है. खराड़ी ने निचले स्तर पर भाजपा के लिए काम करने की शुरुआत की और धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए. इस तरह वो ग्रामीणों में अपनी पकड़ मजबूत करते गए, जैसे ही मंत्री बनने की सूचना उनके गांव में मिली, तो बड़ी संख्या में लोग उनके केलूपोश के मकान में मिठाई खिलाने के लिए पहुंचे. आदिवासी लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और पटाखे फोड़कर खुशी जाहिर की.

Last Updated : Dec 30, 2023, 8:00 PM IST

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