उदयपुर.राजस्थान के उदयपुर में एक भैंसा आकर्षण का केंद्रबना हुआ है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. भैंसे के मालिक इसे अपने बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं. दरअसल, उदयपुर में दो दिवसीय किसान महोत्सव का सोमवार को आगाज हुआ. इस कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे. बड़ी संख्या में किसानों ने भी इस मेले में भाग लिया, लेकिन इस दौरान चर्चा का विषय बना चूरू का 'राजा'. इस भैंसे की कीमत सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे.
बता दें कि संभाग स्तरीय किसान महोत्सव के दौरान चूरू जिले की राजगढ़ तहसील अंतर्गत बिलसाण के पशुपालक पवन कुमार का राजा नामक विशाल भैंसा आगंतुक किसानों व पशुपालकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा. पवन कुमार ने बताया कि लगभग 14 क्विंटल वजनी यह भैंसा मुर्रा नस्ल का है और इसकी ऊंचाई 5 फीट 8 इंच है. सोमवार को दिनभर यहां पर हजारों पशुपालकों ने इस भैंसे को देखने और इसकी विशेषताओं को जानने में रूचि दिखाई.
राजा बना किसान मेले का आकर्षण :किसानों को पशुपालन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए इस भैंसे को उदयपुर लाया गया है. इसके मालिक पवन कुमार जाट ने बताया कि वो चूरू-राजगढ़ के रहने वाले हैं. उनके पास नस्ल मुर्रा झोटा का भैंसा है. इस भैंसे का नाम राजा है, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपए से ज्यादा है. इसकी बोली अब तक 8 करोड़ रुपए से ज्यादा की लग चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी वो इसे नहीं बेचना चाहते हैं. वह इसे अपने बच्चे से भी ज्यादा प्यार करते हैं.
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राजा की विशेष डाइट :मालिक पवन ने बताया कि राजा फिलहाल साढ़े 3 साल का है. जन्म के समय इसका वजन 65 किलो था. बचपन से ही इसकी मां जितना दूध देती थी, यह सारा पी जाया करता था. राजा जब पैदा हुआ तब से इसमें बड़ी फुर्ती थी. ऐसे में इसके लिए विशेष भोजन तैयार किया जाने लगा. इसके ऊपर 25 हजार रुपए से ज्यादा का खर्चा हर महीने आता है. उन्होंने बताया कि इसकी सीमेन की एक डोज 300 रुपए में बिकती है. साल भर में करीब 10-12 हजार डोज बिक जाती है. राजा की मां हर रोज 24 किलो दूध देती है, जबकि इसके पिता हरियाणा के थे. राजा रोज 4 लीटर दूध सुबह और 4 लीटर दूध शाम को पीता है. इसके साथ ही खज-चूरी, गेहूं का दलिया, फल भी डाइट में शामिल है. इसका फिलहाल 14 क्विंटल से ज्यादा वजन है.
राजा का 14 क्विंटल से ज्यादा वजन गर्मी और सर्दी में रखा जाता है विशेष ख्याल :पवन ने बताया कि चूरू में भीषण गर्मी पड़ती है. ऐसे में राजा को गर्मी से बचाने के लिए कूलर और पंखे का भी इंतजाम किया जाता है. इसके साथ ही गर्मी में इसे कई बार नहलाया जाता है. नीचे बैठने के लिए मैट की व्यवस्था भी की जाती है. सर्दी के दौरान इसे ओढ़ाने के लिए कंबल और ऊनी कपड़ों का उपयोग किया जाता है. इसका नाम राजा इसलिए रखा, क्योंकि ये सबसे अलग लगता था. इसका शरीर काफी खूबसूरत है. यह जेड ब्लैक की तरह है.
खिताब जीत चुका राजा : उन्होंने बताया कि राजा ने हरियाणा में एक मेले में पहला खिताब जीता था. इसके पहले राजस्थान चैंपियनशिप में भी यह भैंसा 'बुल नंबर वन' बना था. यह भैंसा रोजाना सैंपू और साबुन से नहाता है. इतना ही नहीं, सुबह-शाम इसको घूमाने भी लेकर जाना पड़ता है. इस भैंसे को लेने के लिए कई ऑफर भी आए, लेकिन उन्होंने नहीं बेचा. जहां भी इसको लेकर जाते हैं, वहां बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए पहुंच जाते हैं.