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लॉकडाउन: पर्यटकों और यात्रियों से आबाद रहने वाला झीलों का शहर इन दिनों सूनसान और वीरान है

हमेशा पर्यटकों और यात्रियों से आबाद रहने वाला झीलों का शहर उदयपुर इन दिनों लॉकडाउन की वजह से सूनसान और वीरान नजर आने लगा है. उदयपुर की लगभग 50 प्रतिशत आबादी पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी हुई है. ऐसे में इन लोगों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया है.

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Published : May 28, 2020, 8:02 PM IST

Udaipur district, उदयपुर जिला
झीलों का शहर इन दिनों सुनसान और वीरान

उदयपुर. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप ने अब जिले की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है. उदयपुर देश-दुनिया में अपनी झीलों और ऐतिहासिक इमारतों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अब यहां पूरी तरह सन्नाटा पसरा हुआ है.

झीलों का शहर इन दिनों सुनसान और वीरान

उदयपुर में लगभग 50 प्रतिशत आबादी पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी हुई है, जिसमें होटल हैंडीक्राफ्ट टैक्सी रेस्टोरेंट जैसे व्यवस्थाएं भी शामिल है. लेकिन उदयपुर में अब इन सभी का व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप होता दिखाई दे रहा है.

पर्यटकों के इंतजार में खाली बोटें

आपको बता दें कि पिछले साल उदयपुर में मानसून जमकर मेहरबान हुआ था यानि की बारीश अच्छी हुई थी. ऐसे में उदयपुर की सभी झीलें इस बार पानी से लबालब थी और सभी को उम्मीद थी कि इस बार उदयपुर में पर्यटकों की अच्छी आवाजाही रहेगी. अब कोरोना महामारी के चलते उदयपुर के बाशिंदों के चेहरे मायूस हो गए हैं.

लोगों की गैर-मौजूदगी से सूने पड़े मॉल

जिले के होटल और हैंडीक्राफ्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस ने उदयपुर की कमर तोड़कर रख दी है. इनका मानना है कि उदयपुर पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर था लेकिन इस साल अब पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई. अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में व्यवसाई और आम लोगों की भारी मुसीबत होगी.

उदयपुर हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी महेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि लोगों में कोरोना के चलते आत्मविश्वास की कमी हो गई है. सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद अब कोई भी व्यक्ति घूमने से बचेगा. क्योंकि घूमने में तभी मजा आता है जब उसने कोई डर ना हो लेकिन इस वक्त सभी को कोरोना का डर सता रहा है और न जाने अब यह डर खत्म होगा.

लॉकडाउन की वजह से रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा:

आपको बता दें कि उदयपुर देश-दुनिया में झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां पर पर्यटन का व्यवसाय होता है. इसके साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कई अन्य स्थान भी बने हुए हैं. लेकिन कोरोना वायरस के बाद यह सभी जगह अब पूरी तरह से बंद कर दी गई है. ऐसे में अब उदयपुर के बाशिंदों को भी इंतजार है कि बे-पटरी हुई जिंदगी अब न जाने फिर से कब पटरी पर लौटेगी.

झीलें हो रही हैं स्वच्छ:

कर्फ्यू और लॉकडाउन के बाद से यहां मानवीय गतिविधियां बंद है. जिससे जो कूड़ा-कचरा झील में पड़ता था, वह बंद हो गया. होटलों से जो सीवरेज का पानी झील में आता था, वह बंद हो गया. मछलियों की अठखेलियां किनारे रहने वाले लोगों को लुभाने लगी हैं.

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