उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में बहुचर्चित कन्हैया हत्याकांड (Kanhaiyalal murder case) में परिजन हर दिन आरोपियों को सजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं. राजस्थान को दहलाने वाले इस हत्याकांड की गूंज न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी सुनाई दी. इस मामले में 150 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक एनआईए द्वारा आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश नहीं की गई है. ऐसे में कन्हैयालाल के बेटे यश ने कहा कि आरोपियों को जल्द से जल्द उनके गुनाहों की सजा मिलने, इसके लिए फास्ट ट्रेक कोर्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.
इतना ही नहीं कन्हैया के बेटे यश ने तो आरोपियों को गुनाहों की सजा न मिलने तक चप्पल पहनना छोड़ रखा है. पिछले साढ़े चार महीने से कन्हैयालाल का बेटा नंगे पैर ही रहता है. वह दफ्तर भी जाता है तो नंगे पांव ही जाता है. उसका कहना है कि जब तक उसके पिता के हत्यारों को फांसी की सजा नहीं हो जाती, तब तक वह चप्पल नहीं पहनेगा.
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एनआईए कर रही मामले की जांचः शहर में 28 जून को दिनदहाड़ कन्हैयालाल की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. हत्यारों ने एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों पर ऐसा ग्रहण लगाया कि पूरा परिवार इस घटना के साढ़े 4 महीने बाद भी सदमे से उबर नहीं पाया है. उदयपुर में दिनदहाड़े 28 जून को रियाज और गौस मोहम्मद ने कन्हैया लाल साहू की बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद आरोपियों ने इस वारदात के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए थे. इसके बाद इन आरोपियों के तार पाकिस्तान से भी जुड़े हुए नजर आए थे. तालिबानी तरीके से कन्हैया लाल साहू की हत्या के इस मामले की जांच भारत सरकार ने एनआईए को दी थी. एनआईए इस मामले में नौ आरोपियों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है.
6 महीने में चालान पेश करने का नियमः पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता अभिनव शर्मा ने बताया कि बहुचर्चित कन्हैया हत्याकांड की जांच एनआईए की ओर से की जा रही है. इस मामले में एनआईए जांच एजेंसी के एनआई एक्ट के अनुसार कानून में प्रावधान है कि 6 महीने के अंदर एनआईए आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर सकती है. एनआईए का गठन एक विशेष कानून के तहत किया गया है. ऐसे में एनआईए किसी भी मामले में 180 दिन के अंदर चार्जशीट पेश कर सकती है. कन्हैया लाल साहू के मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट पेश करने की समय सीमा दिसंबर में खत्म होगी.
समय सीमा में चार्जशीट पेश नहीं की तो हो जाएगी जमानतः अभिनव शर्मा ने बताया कि दिल्ली में यूएपीए का एक मामला था. जिसमें समय सीमा पर एनआईए ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट पेश नहीं की थी. जिसके बाद न्यायालय ने आरोपियों को जमानत दे दी थी. उन्होंने बताया कि 167(2) सीआरपीसी का प्रावधान है. इसके अनुसार चालान पेश करने की समय सीमा को निर्धारित किया गया है. इसके तहत एनआईए के एक्ट के तहत 60 दिन 90 दिन या 180 दिन के बीच चालान पेश नहीं किया जाता है तो आरोपी को जमानत का लाभ दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कन्हैयालाल हत्याकांड के मामले में एनआईए फॉर्मल चार्जशीट पेश कर सकती है. जबकि एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट सीट के लिए और समय मांगा जा सकता है.
कन्हैया के बेटे का दर्दःकन्हैयालाल के बेटे यश ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देने के साथ ही अपने मन में संकल्प लिया था कि जब तक हत्यारों को फांसी की सजा नहीं होगी, वह चप्पल नहीं पहनेगा. यश पिछले 150 दिनों से नंगे पैर रहकर न्याय की आस लिए बैठा है. चिलचिलाती धूप में नंगे पैर रहकर यश उदयपुर कलक्ट्रेट स्थित अपने ऑफिस पहुंचता है और नंगे पैर ही ऑफिस में काम करने के बाद घर लौट जाता है. चप्पल नहीं पहनने के कारण तकलीफ का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन यश के हौसले के आगे यह तकलीफ उसे डगमगा नहीं पाती है.
यश ने कहा कि जिन हत्यारों ने उनके सिर से पिता का साया छीना, उन गुनहगारों को जल्द सजा मिले. यश ने कहा कि हमारा पूरा परिवार यही चाहता है कि हमें न्याय मिले. चप्पल नहीं पहनना मेरे पिता से बढ़कर नहीं है. न्याय दिलाने के लिए अगर और भी कोई कदम उठाना पड़ेगा तो हम तैयार हैं. जिस दिन हत्यारों को फांसी की सजा मिलेगी. हमें उस दिन शांति मिलेगी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पिता की दिनदहाड़े हत्या की उसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता. एनआईए और राजस्थान पुलिस ने कन्हैयालाल की आतंकी हत्या करने वाले आतंकी मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद व अन्य के खिलाफ जिन संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. वे धाराएं आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त हैं.
एनआईए और पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज किया है मुकदमा
धारा 452- बिना अनुमति घर में घुसना, चोट पहुंचाने के लिए हमले की तैयारी, हमला या गलत तरीके से दबाव बनाने पर सात साल सजा है