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Cervical Cancer Awareness Month : महिलाओं को शिकार बना रहा सर्वाइकल कैंसर, जानिए कैसे पाया जा सकता है छुटकारा - Rajasthan Hindi news

कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने और इलाज के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जनवरी में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह (Cervical Cancer Precautions) मनाया जाता है. उदयपुर में भी ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है. क्या हैं बचने के उपाय ? जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट..

Cervical Cancer Awareness
सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह

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Published : Jan 23, 2023, 7:39 PM IST

क्या है सर्वाइकल कैंसर के कारण, सुनिए...

उदयपुर.प्रदेश सहित पूरे देश में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल जनवरी को जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है. हालांकि, पिछले 5 सालों में कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. जागरूकता नहीं होने के कारण महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर अपना शिकार बना रहा है. ऐसे में कैंसर के शुरुआती लक्षण के साथ ही इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है, इसे लेकर उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज व सुपर स्पेशलिटी के कैंसर विभागाध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र राठौड़ से ईटीवी भारत ने बातचीत की.

हर साल जनवरी में मनाया जाता कैंसर जागरूकता माह :डॉक्टर नरेंद्र राठौड़ ने बताया कि अगर कैंसर शुरुआती स्टेज में हो तो इसका पूर्णतः उपचार संभव है. खासकर महिलाओं को नियमित जांच करवानी चाहिए, ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके. लेकिन जागरूकता के अभाव में अधिकांश महिलाएं इसके एडवांस स्टेज से ग्रसित हो जाती हैं. इसके बाद उपचार से ठीक करना सरल नहीं रह जाता है. जागरूकता लाने के लिए हर साल की तरह इस बार भी जनवरी में सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह मनाया जा रहा है.

जनवरी में जागरूकता माह

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सर्वाइकल कैंसर की स्थिति :राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार भारत में सर्वाइकल कैंसर 18.3% (123,907 मामले) की दर के साथ तीसरा सबसे आम कैंसर है. GLOBOCAN 2020 के अनुसार 9.1% की दर के साथ कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. अपने पूरे जीवन काल में 1,00,000 में से 18 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित होती हैं. एशिया में भारत के अरुणाचल प्रदेश के पापुमपारे जिले में सर्वाइकल कैंसर (27.7) की उच्चतम दर है.

क्या हम इस कैंसर को खत्म कर सकते हैं :सर्वाइकल कैंसर एक महिला के गर्भाशय ग्रीवा (योनि से गर्भाशय का प्रवेश द्वार) में विकसित होता है. सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण से जुड़े हैं. ये यौन संपर्क के माध्यम से प्रसारित होने वाला वायरस है. हालांकि, एचपीवी के अधिकांश संक्रमण अनायास हल हो जाते हैं और कोई लक्षण पैदा नहीं करते. लेकिन लगातार संक्रमण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है.

सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीन

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ऐसे खत्म किया जा सकता है कैंसर :महिलाएंपैप टेस्ट और ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) टेस्ट के साथ नियमित जांच करवाएं. इससे किसी भी कैंसर का उसके शुरुआती स्टेज में पता लगाया जा सकता और इलाज किया जा सकता है. इसके अलावा एचपीवी वैक्सीन कैंसर को रोकने में रामबाण है.

कैंसर से ऐसे करें बचाव

इन कारणों से होता है सर्वाइकल कैंसर:

1. एचपीवी संक्रमण :भारत में सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर का कारण वायरस इंफेक्शन है. वायरस गंभीर कोशिका परिवर्तन कर देता है. कुछ सालों में ये गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर में विकसित हो सकता है.
2.कमजोर इम्यून सिस्टम होना :एचआईवी संक्रमण या अन्य कोई बीमारी जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है, कैंसर को न्यौता देती है.

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3. प्रत्यारोपण के बाद अंग अस्वीकृति को रोकने के लिए शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को कम करने के लिए दी जाने वाली दवाइयों या ऑटोइम्यून बीमारी का इलाज करने के लिए दी जाने वाली दवाइयों से भी होता है.

4. धूम्रपान या सेकंड हैंड स्मोक में सांस लेना :ऐसे लोग जो धूम्रपान करते हैं या सेकेंड हैंड स्मोक में सांस लेते हैं उनमें सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

5. कम उम्र में यौन सक्रिय होना:एचपीवी संक्रमण का जोखिम कम उम्र में सर्वाधिक होता है, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है. युवा जो 18 वर्ष की आयु से पहले यौन रूप से सक्रिय हो जाते हैं या जिनके कई यौन साथी होते हैं उनमें भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

उदयपुर में नए मरीजों की स्थिति

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