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अरावली की पहाड़ियों में बसा अनोखा मंदिर, यहां माता करती हैं अग्नि स्नान...रोचक है कारण

उदयपुर जिले के 60 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित शक्तिपीठ ईडाणा माता (Udaipur Idana Mata temple) का अनोखा मंदिर देश-दुनिया में प्रसिद्द है. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां माता अग्नि स्नान (Goddess takes fire bath in Udaipur) करती हैं. अग्नि स्नान के दौरान मंदिर परिसर में श्रृंगार के सामान और धागे भस्म हो जाते हैं, लेकिन प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.

Udaipur Idana Mata temple
ईडाणा माता का अग्नि स्नान

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Published : Mar 28, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 6:54 PM IST

उदयपुर. देश भर में मां के कई शक्तिपीठ मौजूद हैं और उनसे कई रोचक कथाएं और रहस्य भी जुड़े हुए हैं. हर मंदिर की अपनी एक कथा और पौराणिक महत्व है. इन सबके बीच उदयपुर जिले से 60 किलोमीटर दूर कुराबड रोड पर अरावली की पहाड़ियों के बीच ऐसा ही एक अनोखा मंदिर (Udaipur Idana Mata temple) मौजूद है. जहां माता रानी अग्नि स्नान (Goddess takes fire bath in Udaipur) करती हैं. ये मंदिर देश ही नहीं, पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. मेवाड़ के शक्तिपीठों में से एक ईडाणा माता के इस मंदिर में अग्नि स्नान को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. ऐसा ही नजारा आज सोमवार को भी दिखाई दिया.

मेवल की महारानी ईडाणा माता के दरबार में सोमवार को माता ने अग्नि स्नान किया. अग्नि स्नान होते ही आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए. मां के इस चमत्कार को देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु यहां मौजूद रहे. अग्नि स्नान के दौरान मां को चढ़ाई गईं सम्पूर्ण चुनरियां, धागे भस्म हो गए. ऐसे में पूरा मंदिर प्रांगण माता रानी के जयकारों से गूंज उठा. अग्नि स्नान के दौरान घंट-घड़ियाल बजते रहे और श्रद्धालु यह देख अभिभूत होते रहे.

ईडाणा माता का अग्नि स्नान

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अग्नि कैसे जलती है किसी को पता नहीं
ये देश का एकमात्र मन्दिर है जहां माता रानी अग्नि स्नान करती हैं. दर्शन से सबकी मनोकामना पूरी करने वाली ईडाणा माता को मेवल महाराणी भी कहते हैं. मंदिर में अग्नि स्नान के दौरान अग्नि कैसे जलती है, इसके बारे अब तक किसी को कुछ भी पता नहीं चल सका है. मान्यता है कि ईडाणा माता पर अधिक भार होने पर वह स्वयं ज्वालादेवी का रूप धर लेती हैं. ये अग्नि धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लेती है. इसकी लपटें 10 से 20 फीट तक ऊंची उठती हैं, लेकिन खास बात यह है कि अग्नि स्नान के दौरान आज तक श्रृंगार के अलावा किसी अन्य चीज पर कोई आंच तक नहीं आई है. मां की ज्योति भी वैसे ही जलती रहती है. इस अद्भुत मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मनौती पूरी होती है. इस मंदिर में राजस्थान के साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं आते हैं.

अरावली की पहाड़ियों में बसा अनोखा मंदिर

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माता की प्रतिमा पर नहीं होता कोई असर
मेवल महारानी का अग्नि स्नान भी बड़ा रोचक होता है. यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि माताजी को चुनरी और अन्य कपड़े आदि का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. माता रानी के ऊपर इनका भार जैसे ही होता है, वैसे ही वो अग्नि का स्नान कर लेती है. चढ़ावे के पहने कपडे़ को जला देती हैं, लेकिन माता की मूर्ति पर कोई असर नहीं होता. अग्नि स्नान के वक्त माता की मूर्ति सही सलामत रहती है. दूसरी तरफ माताजी के समीप अखण्ड ज्योत भी जलती रहती है. उसे भी कोई असर नहीं होता है.

अग्नि स्नान की कोई तिथि तय नहीं
ईडाणा माता के मंदिर में अग्नि स्नान का कोई समय या तिथि तय नहीं है. माता के अग्नि स्नान के दर्शन करने वाले श्रद्धालु अपने आप को बेहद भाग्यशाली मानते हैं. माता अग्नि स्नान करती है तो सारा शृंगार जलकर भस्म हो जाता है. मान्यता है कि माता कि प्रतिमा खुले में विराजित हैं. उनके उपर कोई भी छाया नहीं है. जबकी वहां पर धर्मशालाएं, आवासीय परिसर और ट्रस्ट भी हैं. माताजी के दर्शन के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं.

Last Updated : Mar 28, 2022, 6:54 PM IST

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