उदयपुर.उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक को उड़ाने की साजिश के मामले में एनआईए, एनएसजी, एटीएस और रेलवे की टीमें जांच में जुटी हैं. 13 दिन पहले शुरू हुए रेलवे ट्रैक पर इतनी जोर से धमाका हुआ कि रेलवे ट्रैक के पास मौजूद ओडा ग्राम पंचायत के लोग भी दहल गए. धमाके की आवाज इतनी जोर से थी कि घरों में कंपन होने लगा. ईटीवी भारत ओड़ा गांव पहुंची, जहां इस घटना की सबसे पहले प्रशासन को सूचना देने वाले और एक बड़े हादसे को रोकने वाले संदीप और उनकी मां से जानकारी ली.
ओडा ग्राम पंचायत की लक्ष्मी बाई ने सबसे पहले धमाके की आवाज सुनी. जैसे ही उन्होंने धमाके की आवाज सुनी. ऐसे लगा कि मकान कंपन कर रहा है. इसकी जानकारी अपने बेटे संदीप को (First information of rail track blast) दी. उन्होंने बताया कि अचानक ऐसी आवाज आई जैसे बहुत बड़ा ब्लास्ट हुआ हो, घरों में रखे सामान भी अचानक हिलने लगे. इसके चलते सभी घर से बाहर निकल आए. शाम हो जाने के कारण लोगों को पता नहीं चल पाया कि हादसा कहां हुआ है. रविवार सुबह संदीप अपने साथी के साथ रेलवे ट्रैक पर गया. जहां उसने देखा कि पटरी बीच में से कटी हुई थी. रेल लाइन के साथ छेड़छाड़ हुई थी.
ओडा पुल के पास रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त पाया गया. कई स्थानों से रेल पटरी के नट बोल्ट गायब मिले. पटरी के बीच लगी लोहे की प्लेट भी उखड़ी हुई मिली. संदीप मीणा ने सबसे पहले इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को दी. उन्होंने बताया कि रात 12 बजे के आसपास वह घर लौटा था. मां लक्ष्मी देवी ने शाम 7:30 बजे के आसपास ब्रिज की ओर से तेज धमाके की आवाज के बारे में बताया था. उस समय यह समझकर बात को टाल दिया कि किसी ट्रक या दूसरे वाहन का टायर फटा होगा.