राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Exhibition in Udaipur: शिकारी पक्षियों की अद्भुत दुनिया, सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लगी खास चित्र प्रदर्शनी - Exhibition in Sajjangarh Biological Park udaipur

उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 11 से 23 जनवरी (Exhibition of hunting birds) तक पक्षियों की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है. इसमें खास तौर से 50 शिकारी पक्षियों के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गईं हैं. पार्क आने वाले पर्यटकों की भीड़ इस प्रदर्शनी में देखने को मिल रही है.

शिकारी पक्षियों की चित्र प्रदर्शनी
शिकारी पक्षियों की चित्र प्रदर्शनी

By

Published : Jan 13, 2023, 4:06 PM IST

Updated : Jan 13, 2023, 10:16 PM IST

गिद्धों के बारे में जानकारियां

उदयपुर. लेक सिटी उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिकारी पक्षियों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसमें राजस्थान समेत देश के अलग-अलग इलाकों में पाए जाने वाले इन शिकारी पक्षियों की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है. इनमें कुछ ऐसे पक्षी भी हैं जो अब विलुप्त होने की कगार पर हैं. बायोलॉजिकल पार्क में इस प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. प्रदर्शनी में 50 शिकारी पक्षियों के बारे में यहां विस्तार से जानकारी उपलब्ध है. इन परिंदों की आवाजें भी डिजिटली आप यहां सुन सकेंगे. पक्षियों के आवास-प्रवास स्थल, आहार, आदतों से जुड़ी दिलचस्प जानकारियां भी यहां दी गई हैं.

राजस्थान के 20 और देश भर के 50 प्रकार के पक्षी हैं यहां
बायोलॉजिकल पार्क में 11 से 23 जनवरी तक आयोजित इस प्रदर्शनी में राजस्थान के 20 जबकि देश भर के 50 तरह के पक्षियों को दर्शाया गया है. प्रदर्शनी के आयोजक आकाश यादव ने बताया कि भारत के बड़े-छोटे सभी शिकारी पक्षियों को इस प्रदर्शनी में शामिल किया गया है. प्रदर्शनी में 50 से ज्यादा शिकारी पक्षियों के बारे में जानकारी दी गई है. इसमे ईगल, फाल्कन, बज्जरड़, काइट, गिद्ध एवं सभी प्रकार के उल्लू के बारे में सचित्र जानकारी देखने मिल रही है.

गिद्धों के बारे में जानकारियां

पढ़ें.प्रवासी और देसी पक्षियों ने आनासागर झील से फेरा मुंह...वजह कई हैं...

प्रदर्शनी में राजस्थान के 20 से अधिक शिकारी पक्षियों की जानकारी के तहत क्रेस्टेड सरपेंट ईगल, चेंजेबल हॉक ईगल, इम्पीरियल ईगल, स्टेपी ईगल, बोनेल्लिस ईगल, बूटेड ईगल, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन ग्रिफ्फन, सबसे लम्बे पंखों वाले सिनेरियस वल्चर, लग्गर फाल्कन, यूरेशियन हॉबी, दुनिया में सबसे तेज उड़ने वाला पेरेग्रिन फाल्कन, यूरेशियन केस्ट्रल, ब्राउन फिश आउल, इंडियन ईगल आउल एवं स्कूप्स आउल जैसी कई प्रजातियों के बारे में जानकारियां दी गई हैं. प्रदर्शनी में सभी शिकारी पक्षियों की आवाज़ें भी सुनी जा सकती हैं.

कई प्रकार के शिकारी पक्षी की जानकारियां

प्रदर्शनी आयोजित करने का उद्देश्य
इस खास तरह की प्रदर्शनी लगाने के पीछे विभाग का उद्देश्य है कि इन विलुप्त होते शिकारी पक्षियों की जानकारी आम लोगों तक पहुंच सके. इन पक्षियों के शिकार का तरीका और ये एक स्थान से दूसरे स्थान तक कहां तक सफर कर सकते हैं ये सारी जानकारियों भी इस प्रदर्शनी में उपलब्ध है. इसके साथ ही यह पक्षी देश के किन इलाकों में पाए जाते हैं ये सूचनाएं भी दी गई हैं. ये पक्षी पहाड़ी इलाके के साथ नदी क्षेत्रों और ऊंचे और लंबे पेड़ों पर भी पाए जाते हैं. आकाश ने बताया कि यह सभी पक्षी ऊंची उड़ान भरने में सक्षम होते हैं.

पढ़ें.Bird park in Udaipur : विलुप्त होती ग्रीन मुनिया चिड़िया ने 4 बच्चों को दिया जन्म

विलुप्त हो रहीं कई पक्षियों की प्रजातियां
कुछ शिकारी पक्षियों की प्रजातियां धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं. शिकारी पक्षियों में शामिल रेड हेडेड वल्चर, वाइट रैंप वल्चर, हिमालयन ग्रिफिन जिनको आम भाषा में गिद्ध भी कहा जाता है, की संख्या समय के साथ कम होती जा रही है. इसके विलुप्त होने के पीछे कारण सामने आ रहा है कि गायों या अन्य पशुओं की बीमार होने पर या उन्हें दर्द से राहत देने के लिए जो दवाइयां का प्रयोग किया जाता है वह कई तरह के केमिकल से बनी होती हैं.

शिकारी पक्षी की दुनिया

पशुओं के अंदर जब वह दवाइयां जम जाती हैं और मृत्यु के बाद जब उन्हें जंगलों में फेंक दिया जाता है तो गिद्ध औऱ अन्य शिकारी पक्षी इन जानवरों को खा लेते हैं. इस कारण उन्हें भी यह दवा काफी प्रभावित करती है. इन दवाओं के नुकसान के कारण इन पक्षियों के अंडे का कवच कमजोर हो जाता है. ऐसे में अंडा समय से पहले ही फूट जाता है जिससे पक्षियों की आबादी नहीं बढ़ पाती है.

शिकारी पक्षियों की जानकारी देने के साथ ही लोगों में इनके प्रति जो भ्रांतियां फैली हुई हैं उनको भी दूर करने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही लोकल पब्लिक को जोड़ने के साथ ही स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी यह प्रदर्शनी दिखाई जा रही है ताकि उदयपुर में पाए जाने वाले इन पक्षियों के बारे में लोग जागरूक हों और इनके संरक्षण के लिए आगे बढ़कर काम करें.

पढ़ें.जैसलमेर के श्री देगराय मंदिर में पहली बार दिखा मछली खाने वाला प्रवासी पक्षी लार्ज कोरमोरांट

ऑडियो वीडियो के माध्यम से भी पक्षियों को देख सकते हैं
चित्र प्रदर्शनी लगाने के साथ ही ऑडियो वीडियो के माध्यम से प्रवासी पक्षियों को विजुअल में देख सकते हैं. इसमें इन पक्षियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की क्षमता, गति आदि के बारे में जान सकते हैं. इस प्रदर्शनी में कई प्रकार के पक्षियों के बारे में छोटी-छोटी जानकारी दी गई हैं. इसके साथ ही प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों के बारे में प्रदर्शनी में विस्तार से जानकारी उपलब्ध हैं. पक्षियों की हाइट, खान-पान, रहन-सहन आदि के बारे में प्रदर्शनी में सूचनाएं हैं. इसमें सबसे छोटे शिकारी पक्षी से लेकर सबसे बड़े शिकारी पक्षी तक की जानकारी दी गई है.

गिद्ध के बारे में विस्तार से जानकारियां
इस प्रदर्शनी में गिद्धों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई हैं. ऐसे में सबसे छोटे गिद्ध से लेकर सबसे बड़े गिद्ध को भी प्रदर्शनी में दर्शाया गया है जिसकी लंबाई लगभग 13 फीट के आसपास है. इसमें उल्लू की कई प्रजातियों का विवरण भी दिया गया है. इनकी आंतरिक क्रियाओं के बारे में जानकारियां हैं. प्रदर्शनी देखने आने वाले लोगों ने बताया कि प्रदर्शनी में इन पक्षियों के बारे में काफी डिटेल में जानने का मौका मिल रहा है. पहले कभी भी इतनी बड़ी संख्या में एक साथ अलग-अलग राज्यों में पाई जाने वाली पक्षियों के बारे में उन्हें देखने को नहीं मिला है.

Last Updated : Jan 13, 2023, 10:16 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details