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CPI M leader Brinda Karat target BJP In Udaipur: धर्म और राजनीति की मिलावट का हम विरोध करते हैंः वृंदा करात - Brinda Karat Udaipur visit

उदयपुर के दौरे पर (Brinda Karat Udaipur visit) पहुंची भरतीय कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने भाजपा और आरएसएस ( CPI M leader Brinda Karat target BJP In Udaipur) पर निशाना साधा. उन्होंने राहुल गांधी के हिंदूत्व के बयान पर कहा कि धर्म और राजनीति की मिलावट का हम विरोध करते हैं.

CPI M leader Brinda Karat target BJP In Udaipur
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता बृंदा करात

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Published : Dec 15, 2021, 6:03 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 6:48 PM IST

उदयपुर. माकपा की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मोदी सरकार और गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही जयपुर में राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान को लेकर कहा कि धर्म और राजनीति की मिलावट का हम विरोध करते हैं.

माकपा कार्यालय में मीडिया प्रेस कांफ्रेंस के दौरान करात ने कहा कि सभी लोगों को अपने-अपने धर्म को मानने का अधिकार है. लेकिन जिस तरह से नेता मंदिर जाने के साथ फोटोग्राफर को साथ लेकर जाते हैं और कोई व्यक्ति धर्म और राजनीति को मिलाता है तो यह गलत है.

पढ़ें-Exclusive Interview : कृषि कानूनों का ढांचा गलत...संशोधन नहीं, इनको वापस लेना चाहिए : वृंदा करात

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस लोगों की धार्मिक भावना को भड़का कर उसको हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती हैं. ऐसे में यह लोग धर्म को अपमानित करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू और हिंदुत्व दोनों अलग हैं. वृंदा करात ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि आखिरकार भाजपा की सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा और कृषि कानून वापस लेने पड़े.

वरिष्ठ माकपा नेता बृंदा करात

आदिवासियों की समस्या पर मोदी सरकार पर निशाना

बृंदा करात ने (Brinda Karat Udaipur visit) आदिवासियों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.उन्होंने कहा कि आदिवासी अपनी समस्याओं को लेकर लगातार परेशान हैं. केंद्र सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है. वहीं राज्य की गहलोत सरकार मूक दर्शक बनी हुई है. बृंदा करात ने कहा कि आदिवासी समाज की अपनी संस्कृति है.ऐसे में उसको तोड़ने और समाप्त करने के लिए पूरी तौर पर कोशिश है. कुछ आदिवासी संगठन अपने आप को बरकरार रखने के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि जब आदिवासियों की खुद की संस्कृति है तो हम क्यों न उसे स्वीकार करें.

Last Updated : Dec 15, 2021, 6:48 PM IST

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